भारत में वित्तीय विनियामक परिवर्तन लागू होंगे,जीडीपी में वृद्धि का अनुमान
भारत में एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारत की जीडीपी में 6.7% की वृद्धि होने का अनुमान है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे तेज वृद्धि होगी। यह वृद्धि मजबूत उपभोक्ता खर्च और निवेश से समर्थित है। भारत में अप्रेल 2025 में कई महत्वपूर्ण वित्तीय विनियामक परिवर्तन लागू होंगे, जो मुख्य रूप से भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और मौजूदा कर व्यवस्था में समायोजन से प्रभावित होंगे। ये परिवर्तन विभिन्न वित्तीय क्षेत्रों में पारदर्शिता और निवेशक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
सेबी ने नए फंड ऑफ़र ( NFO) पर कड़े नियम लागू किए
सेबी ने नए फंड ऑफ़र पर कड़े नियम ( SEBI New Regulations) लागू किए हैं, जिसके अनुसार एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को यूनिट आवंटन की तारीख से 30 व्यावसायिक दिनों के के अंदर जुटाया गया फंड निवेश करना अनिवार्य कर दिया है। निवेश समिति की मंज़ूरी के साथ 30 अतिरिक्त व्यावसायिक दिनों का विस्तार स्वीकार्य है। अगर इस अवधि के बाद भी फंड का निवेश नहीं किया जाता है, तो एएमसी को नए निवेश को रोकना होगा, निवेशकों को दंड-मुक्त निकासी की पेशकश करनी होगी और देर के बारे में अधिसूचनाएँ जारी करनी होंगी। इस कदम का उद्देश्य म्यूचुअल फंड उद्योग के भीतर बेहतर फंड प्रबंधन और जवाबदेही सुनिश्चित करना है
पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा संकट की समस्या
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति वित्तीय वर्ष 2025 में चुनौतीपूर्ण रह सकती है। वित्तीय संकट, उच्च मुद्रास्फीति और विदेशी मुद्रा संकट की समस्या अभी भी गंभीर हो सकती है। पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय सहायता और संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता होगी। सरकार के प्रयासों के बावजूद, आर्थिक विकास दर में बहुत अधिक सुधार की संभावना नहीं है। इस समय में, मुद्रास्फीति और बेरोज़गारी के मुद्दे प्रमुख हो सकते हैं।
स्थिर रह सकती है बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत स्थिर रहने का अनुमान है। हालांकि, इसके लिए कोविड-19 महामारी के बाद की चुनौतियों और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला समस्याओं का सामना करना पड़ा है, लेकिन बांगलादेश ने निर्यात क्षेत्र, खासकर वस्त्र उद्योग में अच्छी वृद्धि देखी है। वित्तीय वर्ष 2025 में बांगलादेश की विकास दर मध्यम रहने की संभावना है, और यह आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
नेपाल को विदेशी सहायता और निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत
नेपाल की अर्थव्यवस्था 2025 में विकास की ओर अग्रसर हो सकती है, हालांकि इसे बुनियादी ढांचे में सुधार, कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण और विदेशी निवेश को आकर्षित करने में चुनौतियाँ का सामना करना पड़ सकता है। पर्यटन उद्योग में संभावनाएँ हैं, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और प्राकृतिक आपदाओं जैसे हिमालयी भूकंपों का खतरा आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकते हैं। नेपाल को विदेशी सहायता और निवेश को बढ़ावा देने की आवश्यकता होगी।
अमेरिका की जीडीपी 29.84 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना
आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार, अमेरिका की जीडीपी वित्त वर्ष 2025 में लगभग 29.84 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, यानि इस हिसाब से, अमेरिका की जीडीपी 29.84 ट्रिलियन डॉलर लगभग 2.48 क्वाड्रिलियन भारतीय रुपये के बराबर होगी, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। हालांकि, वृद्धि दर में कुछ मंदी देखी जा सकती है। ध्यान रहे कि क्वाड्रिलियन एक ऐसा आंकड़ा है, जिसमें 15 शून्य होते हैं।
चीन की जीडीपी लगभग 19.79 ट्रिलियन डॉलर रहने का अंदाजा
चीन की जीडीपी वित्त वर्ष 2025 में लगभग 19.79 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है। यह राशि भारतीय मुद्रा के अनुसार लगभग 1.64 क्वाड्रिलियन होगी। पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, चीन अपनी वृद्धि दर को बनाए रखने में सक्षम होगा।
जापान की जीडीपी 4.31 ट्रिलियन डॉलर रहने का अनुमान
जापान की जीडीपी वित्त वर्ष 2025 में लगभग 4.31 ट्रिलियन डॉलर रहने का अनुमान है। आर्थिक मंदी के बावजूद, जापान अपनी स्थिति को बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहेगा।
इंग्लैंड की जीडीपी लगभग 3.69 ट्रिलियन डॉलर
यूके की जीडीपी वित्त वर्ष 2025 में लगभग 3.69 ट्रिलियन डॉलर होने की उम्मीद है। ब्रेक्जिट के बाद की चुनौतियों के बावजूद, यूके अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में सक्षम होगा।
फ्रांस की जीडीपी 3.22 ट्रिलियन डॉलर
फ्रांस की जीडीपी वित्त वर्ष 2025 में लगभग 3.22 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान लगाया गया है। यूरोपीय संघ के भीतर फ्रांस की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। कनाडा की जीडीपी 2.36 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान
कनाडा की जीडीपी वित्त वर्ष 2025 में लगभग 2.36 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है। ऊर्जा क्षेत्र और व्यापारिक संबंध कनाडा की आर्थिक वृद्धि को प्रभावित करेंगे। बहरहाल इन देशों के लिए वित्तीय वर्ष 2025 में कई प्रकार की चुनौतियां और अवसर हो सकते हैं। पाकिस्तान और नेपाल को आर्थिक स्थिरता की दिशा में संघर्ष करना होगा, जबकि बांग्लादेश और चीन की अर्थव्यवस्था में मध्यम वृद्धि होने का अनुमान है।