चोलिस्तान नहर का मुद्दा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेतृत्व वाली सिंध सरकार और केंद्र की शहबाज शरीफ सरकार के बीच विवाद का विषय बना हुआ है। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार चोलिस्तान रेगिस्तान की सिंचाई के लिए सिंधु नदी पर छह नहरों के निर्माण की योजना बना रही थी, पर पीपीपी और सिंध प्रांत के अन्य राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इससे सिंध की खेती और पीने के पानी की स्थिति और खराब हो जाएगी। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को एके-47 जैसे हथियारों के साथ सड़कों पर घूमते देखा गया है।
पीपीपी और पाकिस्तान सरकार आमने-सामने
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने मंत्री के आवास पर हमले को ‘आतंकी कृत्य’ बताया और हिंसक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, इस्लामाबाद ने कॉमन इंटरेस्ट्स काउंसिल (CCI) की बैठक के बाद स्पष्ट किया कि जब तक सभी प्रांतों के बीच सहमति नहीं बनती, तब तक कोई नई नहर योजना लागू नहीं की जाएगी।
सिंध प्रांत में जल संकट क्यों?
पाकिस्तान पहले ही जल संकट से जूझ रहा है। सिंध में पानी की भारी कमी है। किसानों का कहना है कि आइएमएफ के दबाव में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बंद कर दिया गया है, जमीनें जबरन छीनकर कॉरपोरेट खेती के लिए दी जा रही हैं और सेना भी कृषि क्षेत्र में मुनाफे के लिए दखल दे रही है। सिंध में जल संकट और हिंसा का सीधा कारण पाकिस्तान की आंतरिक जल-नीति और केंद्र-पंजाब का पक्षपातपूर्ण रवैया है।