मिलेगी और ज़्यादा मान्यता
फिलिस्तीनी प्रतिनिधियों का मानना है कि इस जीत से उन्हें संयुक्त राष्ट्र – यूएन (United Nations – UN) और उसके बाहर भी ज़्यादा मान्यता मिलेगी। डब्ल्यूएचओ की वार्षिक बैठक में चीन, पाकिस्तान, सऊदी अरब और अन्य देशों द्वारा लाया गया प्रस्ताव 95-4 के बहुमत से पारित हो गया जबकि 27 देश अनुपिस्थत रहे। फिलिस्तीन को फिलहाल डब्ल्यूएचओ में आधिकारिक पर्यवेक्षक राज्य का दर्जा प्राप्त है।
इज़रायल ने किया विरोध
इज़रायल (Israel) की तरफ से इस फैसले का विरोध किया गया। इज़रायली प्रतिनिधि ने कहा, “इससे खतरनाक संदेश जाता है कि राजनीतिक प्रतीकवाद कानूनी मानकों को दरकिनार कर सकता है, भावनाएं कानूनी प्रक्रिया की जगह ले सकती है और पक्षपातपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय वैधता के नियमों को झुका सकते हैं।
अमेरिका ने नहीं लिया हिस्सा
अमेरिका (United States Of America), जो डब्ल्यूएचओ का मुख्य सदस्य है, ने इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। गौरतलब है कि अमेरिका इस संगठन से बाहर निकलने की योजना बना रहा है। हालांकि अभी तक इसका आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन आने वाले समय में ऐसा किया जा सकता है।