एक विशेष सम्मान का प्रतीक
सऊदी अरब द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के विमान को F-15 फाइटर जेट्स के साथ एस्कॉर्ट करना एक दुर्लभ और विशेष कूटनीतिक सम्मान है। यह इशारा भारत और सऊदी अरब के बीच बढ़ती मित्रता और विश्वास को दर्शाता है। विदेश मंत्रालय ने इस पल का एक वीडियो जारी किया, जिसमें सऊदी फाइटर जेट्स को प्रधानमंत्री के विमान, एयर इंडिया वन, के साथ उड़ते हुए देखा गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा से पहले अरब न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में सऊदी अरब को “भारत का सबसे मूल्यवान साझेदार, एक समुद्री पड़ोसी, विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक सहयोगी” बताया। उन्होंने कहा, “भारत और सऊदी अरब क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में साझा हित रखते हैं, और हमारा बढ़ता रक्षा और सुरक्षा सहयोग आपसी विश्वास का प्रतिबिंब है।” इस एस्कॉर्ट को दोनों देशों के बीच “सीमाहीन संभावनाओं” वाली साझेदारी के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
क्यों है यह गर्व की बात?
- वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती साख: सऊदी अरब जैसे प्रभावशाली देश द्वारा इस तरह का सम्मान देना यह दर्शाता है कि भारत की वैश्विक स्थिति कितनी मजबूत हुई है। यह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत के नेतृत्व और उसकी कूटनीतिक ताकत का सम्मान है।
- ऐतिहासिक यात्रा: यह 40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की जेद्दा की पहली यात्रा है। जेद्दा, जो हज और उमराह के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है, भारत-सऊदी संबंधों में विशेष महत्व रखता है। इस यात्रा के दौरान दोनों देश छह से अधिक समझौता पत्रों (MoUs) पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद कर रहे हैं, जो ऊर्जा, व्यापार, स्वास्थ्य, और उन्नत प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करेंगे।
- रक्षा सहयोग का प्रतीक: सऊदी F-15 जेट्स का एस्कॉर्ट भारत और सऊदी अरब के बीच गहरे होते रक्षा संबंधों का स्पष्ट संकेत है। दोनों देश रक्षा, सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, और यह इशारा उस विश्वास को दर्शाता है।
- भारतीय प्रवासियों का सम्मान: प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान जेद्दा में एक कारखाने का दौरा करेंगे, जहां बड़ी संख्या में भारतीय कामगार कार्यरत हैं। यह भारतीय प्रवासियों के योगदान को सम्मान देने का एक तरीका है, जो सऊदी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अब तक किन राष्ट्रीय नेताओं को मिला ऐसा सम्मान?
सऊदी अरब द्वारा फाइटर जेट्स के साथ किसी विदेशी नेता के विमान को एस्कॉर्ट करना एक दुर्लभ सम्मान है, जो केवल चुनिंदा देशों के नेताओं को दिया जाता है। यह इशारा उस देश के साथ सऊदी अरब के रणनीतिक और कूटनीतिक संबंधों की गहराई को दर्शाता है। कुछ उल्लेखनीय उदाहरणों में शामिल हैं:
- अमेरिका: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2017 में सऊदी अरब की उनकी यात्रा के दौरान रॉयल सऊदी वायु सेना के फाइटर जेट्स द्वारा एस्कॉर्ट किया गया था। यह अमेरिका और सऊदी अरब के बीच मजबूत रक्षा और आर्थिक संबंधों का प्रतीक था।
- चीन: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को 2016 में सऊदी अरब की उनकी यात्रा के दौरान फाइटर जेट्स द्वारा एस्कॉर्ट किया गया था, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार और ऊर्जा सहयोग को दर्शाता था।
- रूस: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 2019 में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान इस तरह का सम्मान दिया गया था। यह रूस और सऊदी अरब के बीच तेल उत्पादन और भू-राजनीतिक सहयोग के महत्व को रेखांकित करता था।
- पाकिस्तान: पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को 2018 में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान फाइटर जेट्स द्वारा एस्कॉर्ट किया गया था, जो दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाता था।
भारत के संदर्भ में, यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी को इस तरह का सम्मान मिला है। 2018 में प्यालेस्सटाइन की उनकी यात्रा के दौरान जोर्डन के हेलिकॉप्टर और इजरायल के हेलिकॉप्टर ने उनके विमान को एस्कॉर्ट किया था। यह दर्शाता है कि वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री मोदी और भारत को मिलने वाला सम्मान लगातार बढ़ रहा है।