scriptपोप फ्रांसिस बता गए थे कैसे करना है उनका अंतिम संस्कार, बदल जाएगी सौ साल पुरानी परंपरा | Pope Francis had told how to do his last rites hundred year old tradition will change | Patrika News
विदेश

पोप फ्रांसिस बता गए थे कैसे करना है उनका अंतिम संस्कार, बदल जाएगी सौ साल पुरानी परंपरा

पोप फ्रांसिस के निधन के साथ ही कैथोलिक चर्च एक नए युग की ओर बढ़ेगा, लेकिन उनकी सादगी और करुणा की विरासत हमेशा याद की जाएगी।

भारतApr 21, 2025 / 03:54 pm

Anish Shekhar

पॉप का अंतिम संस्कार एक गहन और प्राचीन परंपराओं से भरा हुआ आयोजन होता है, जो सदियों से चली आ रही रस्मों और रीति-रिवाजों पर आधारित है। यह प्रक्रिया न केवल कैथोलिक चर्च के आध्यात्मिक महत्व को दर्शाती है, बल्कि विश्व भर के 1.4 अरब कैथोलिक अनुयायियों के लिए एक शोक और श्रद्धांजलि का अवसर भी होती है। 21 अप्रैल 2025 को पोप फ्रांसिस के निधन के बाद इन परंपराओं को एक बार फिर देखा गया, हालांकि पोप फ्रांसिस ने अपने अंतिम संस्कार को सरल बनाने के लिए कई बदलाव किए थे।

निधन के बाद तीन बार पुकारा

पॉप के निधन की पुष्टि सबसे पहले कैमरलेंगो (वेटिकन का एक वरिष्ठ अधिकारी) द्वारा की जाती है। परंपरा के अनुसार, कैमरलेंगो पोप को उनके बपतिस्मा के नाम से तीन बार पुकारते हैं, और जवाब न मिलने पर मृत्यु की घोषणा करते हैं। पोप फ्रांसिस की मृत्यु की पुष्टि कार्डिनल केविन फैरेल ने की, जिन्होंने वेटिकन मीडिया के माध्यम से इसकी घोषणा की। इसके बाद पोप के शव को उनके निजी चैपल में ले जाया जाता है, जहां उन्हें पारंपरिक लाल पोशाक पहनाई जाती है, जो पोप के लिए शोक का प्रतीक है। हालांकि, पोप फ्रांसिस ने अपनी इच्छा के अनुसार, शव को ऊंचे मंच (कैटाफाल्क) पर प्रदर्शन करने की प्रथा को समाप्त कर दिया था, और उनका शव एक साधारण लकड़ी और जस्ते की ताबूत में रखा गया।
यह भी पढ़ें

Pope Francis dies: ऐसे चुना जाएगा नया पोप? सफेद और काला धुआं का क्या है कनेक्शन

अंतिम संस्कार को सरल बनाने के लिए हटा दी थी कई रस्में

अंतिम संस्कार समारोह आमतौर पर निधन के चार से छह दिन बाद सेंट पीटर स्क्वायर में आयोजित किया जाता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु और विश्व भर के गणमान्य व्यक्ति शामिल होते हैं। पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार भी इसी तरह आयोजित होने की उम्मीद है, जिसमें कार्डिनल कॉलेज के डीन, कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे, मुख्य रूप से लैटिन भाषा में प्रार्थनाएं और भक्ति भजनों का संचालन करेंगे। समारोह में सिस्टिन चैपल गायक मंडली द्वारा भक्ति भजन गाए जाते हैं, और यूचरिस्ट (पवित्र भोज) का आयोजन होता है। पोप फ्रांसिस ने अपने अंतिम संस्कार को सरल बनाने के लिए कई रस्मों को हटा दिया था, जैसे कि तीन ताबूतों (साइप्रस, जस्ता और एल्म) का उपयोग, और इसके बजाय केवल एक साधारण ताबूत का प्रयोग किया जाएगा।

ताबूत में बंद करने से पहले चेहरे पर डाला जाता है सफेद रेशमी कपड़ा

अंतिम संस्कार के बाद, पोप के ताबूत को बंद करने से पहले उनके चेहरे पर एक सफेद रेशमी कपड़ा डाला जाता है, जो जीवन से अनंत शांति की ओर संक्रमण का प्रतीक है। ताबूत में उनके शासनकाल के दौरान बनाए गए सिक्कों की एक थैली और एक रोगिटो (उनके जीवन और कार्यों का लैटिन में लिखा दस्तावेज) रखा जाता है। पोप फ्रांसिस ने अपनी इच्छा के अनुसार, सेंट पीटर बेसिलिका के बजाय रोम की सांता मारिया मेजर बेसिलिका में दफन होने का फैसला किया था, जो 100 सालों में पहली बार होगा जब किसी पोप को वेटिकन के बाहर दफनाया जाएगा।
इसके बाद, नौ दिनों तक (नोवेंडियालेस) शोक और प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें विश्व भर के कैथोलिक चर्चों में प्रार्थनाएं और मास आयोजित होते हैं। इस दौरान वेटिकन में नया पोप चुनने की प्रक्रिया भी शुरू होती है, जिसे कॉन्क्लेव कहा जाता है। यह प्रक्रिया सिस्टिन चैपल में आयोजित की जाती है, जहां 80 वर्ष से कम आयु के कार्डिनल नए पोप के चुनाव के लिए गुप्त मतदान करते हैं। पोप फ्रांसिस के निधन के साथ ही कैथोलिक चर्च एक नए युग की ओर बढ़ेगा, लेकिन उनकी सादगी और करुणा की विरासत हमेशा याद की जाएगी।

Hindi News / World / पोप फ्रांसिस बता गए थे कैसे करना है उनका अंतिम संस्कार, बदल जाएगी सौ साल पुरानी परंपरा

ट्रेंडिंग वीडियो