तालिबान सरकार ने किया स्वागत
मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी ने फिर बीते बुधवार शाम को अपने X अकाउंट पर इस संबंध में पोस्ट किया और कहा कि “अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के विदेश मंत्रालय ने रूस में बैन संगठनों की सूची से ‘तालिबान आंदोलन’ (जिसे पहले अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के तौर पर बताया जाता था) को हटाने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। ये फैसला रूस की संसद ने लिया है।” वहीं अफगान कार्यवाहक सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने मीडिया को बताया कि ये फैसला अफगानिस्तान और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और ज्यादा मजबूत करेगा।
क्या तालिबान के साथ मिलकर काम करेंगे पुतिन?
बता दें कि रूस ने 2003 में तालिबान को आतंकवादी संगठन घोषित किया था लेकिन अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद से ही रूस के रवैये में नरमी आने लगी थी। राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने इसी साल जुलाई में कहा था कि रूस अफगानिस्तान के तालिबान आंदोलन को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा मददगार मानता है। गौरतलब है कि दुनिया के किसी भी देश ने औपचारिक तरीके से तालिबान को अब तक अफगानिस्तान की एक वैध सरकार के तौर पर मंजूरी नहीं दी है। हालांकि चीन और UAE ने इसके राजदूतों को स्वीकार कर लिया है।