पाकिस्तान के हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। देश के विभिन्न प्रांतों में अस्थिरता, हिंसा और अलगाववादी आंदोलनों ने इस संभावना को बल दिया है कि आने वाले समय में पाकिस्तान चार हिस्सों में विभाजित हो सकता है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद और पाकिस्तानी सांसद मौलाना फजलुर रहमान जैसे प्रभावशाली व्यक्तियों के बयानों ने इस आशंका को और पुख्ता किया है। विशेषज्ञों और हालिया रिपोर्ट्स के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि स्थिति यही रही, तो पाकिस्तान का नक्शा बलूचिस्तान, सिंध, पंजाब और शेष पाकिस्तान के रूप में चार हिस्सों में बंट सकता है। आइए, इसके पीछे के कारणों और प्रांतों की मौजूदा स्थिति को तथ्यों के साथ समझते हैं।
पाकिस्तान चार टुकड़ों में टूट जाए: पूर्व डीजीपी और मौलाना का बयान
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने बलूचिस्तान में हाल ही में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हुए हमले के बाद एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की सेना और सरकार ने बलूचिस्तान पर नियंत्रण खो दिया है। मौलाना फजलुर रहमान ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कहा था कि बलूचिस्तान के 6-7 जिले पूरी तरह से आतंकवादियों के कब्जे में हैं। वहां न तो सरकार का और न ही सेना का कोई नियंत्रण बचा है। ऐसे में यह सब होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। पाकिस्तान टूटने की कगार पर है।” वैद ने आगे कहा, “हाल ही में बलूचिस्तान और सिंध के सभी आतंकवादी संगठन एकजुट हो गए हैं और वे पाकिस्तान सरकार व सेना की संप्रभुता को चुनौती दे रहे हैं। मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर पाकिस्तान चार टुकड़ों में टूट जाए।”
मौलाना फजलुर रहमान, जो पाकिस्तान के एक प्रमुख इस्लामिक धर्मगुरु और सांसद हैं, ने भी फरवरी 2025 में नेशनल असेंबली में चेतावनी दी थी कि “बलूचिस्तान के 5-7 जिले स्वतंत्रता की घोषणा कर सकते हैं, और संयुक्त राष्ट्र भी इसे मान्यता दे सकता है।” उन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि यदि सरकार की नीतियां नहीं बदलीं, तो बलूचिस्तान बांग्लादेश की तरह अलग हो सकता है।
पाकिस्तान के विभिन्न प्रांतों की स्थिति
पाकिस्तान के चार प्रमुख प्रांतों – बलूचिस्तान, सिंध, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा – में अस्थिरता और असंतोष अपने चरम पर है। इन प्रांतों की स्थिति इस संभावित विभाजन का आधार बन रही है।
बलूचिस्तान: अलगाववाद और हिंसा का गढ़
बलूचिस्तान, जो क्षेत्रफल के हिसाब से पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, दशकों से अलगाववादी आंदोलनों से जूझ रहा है। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे संगठन सक्रिय रूप से पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं। हाल ही में मार्च 2025 में बीएलए ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर 100 से अधिक यात्रियों का अपहरण किया और 6 सैनिकों की हत्या कर दी।
रिपोर्ट: अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान में जबरन गायब किए गए लोगों और मानवाधिकार उल्लंघनों की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसने स्थानीय आबादी में असंतोष को और गहरा किया है। 2025 में अब तक 79 आतंकवादी हमले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 55 नागरिक और 47 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं।
संभावना: विशेषज्ञों का मानना है कि बलूचिस्तान स्वतंत्र “बलूचिस्तान” के रूप में उभर सकता है, जैसा कि मौलाना फजलुर रहमान ने चेतावनी दी थी।
तथ्य: सिंध प्रांत में भी अलगाववादी भावनाएं बढ़ रही हैं। सिंधी राष्ट्रवादी संगठन और हाल ही में बलूच संगठनों के साथ उनकी एकजुटता ने पाकिस्तान सरकार के लिए खतरा पैदा कर दिया है। 2024 में बलूच और सिंधी विद्रोहियों ने संयुक्त रूप से कई हमले किए, जिसमें मूसाखेल जिले में यात्रियों की हत्या शामिल है। एक स्टडी के अनुसार, सिंध में प्राकृतिक संसाधनों के शोषण और आर्थिक असमानता ने लोगों में गुस्सा बढ़ाया है। यह प्रांत भी स्वतंत्र “सिंधस्तान” बनने की ओर अग्रसर हो सकता है।
संभावना: यदि बलूचिस्तान अलग होता है, तो सिंध के भी स्वतंत्र होने की संभावना प्रबल हो जाएगी।
पंजाब: आर्थिक और राजनीतिक केंद्र
तथ्य: पंजाब पाकिस्तान का सबसे शक्तिशाली और जनसंख्या वाला प्रांत है, जो देश की अर्थव्यवस्था और सेना का आधार है। हालांकि, यहां भी क्षेत्रीय असंतोष बढ़ रहा है, खासकर सीपीईसी (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) से होने वाले लाभ के असमान वितरण के कारण। स्थानीय समुदायों का आरोप है कि सीपीईसी का लाभ मुख्य रूप से पंजाब और सिंध को मिला, जबकि बलूचिस्तान जैसे प्रांत उपेक्षित रहे।
संभावना: यदि अन्य प्रांत अलग होते हैं, तो पंजाब “पंजाबिस्तान” के रूप में एक अलग इकाई बन सकता है।
खैबर पख्तूनख्वा: आतंकवाद और अस्थिरता
खैबर पख्तूनख्वा में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और अन्य आतंकवादी संगठनों का प्रभाव बढ़ रहा है। 2023 में डेरा इस्माइल खान में हुए आत्मघाती हमले में 23 सैनिक मारे गए थे । कुर्रम क्षेत्र में सुन्नी-शिया संघर्ष ने 150 से अधिक लोगों की जान ली है (लाइव हिंदुस्तान, फरवरी 2025)। यह अस्थिरता प्रांत को शेष पाकिस्तान से अलग कर सकती है।
संभावना: यह क्षेत्र शेष “पाकिस्तान” के रूप में रह सकता है, लेकिन कमजोर और अस्थिर स्थिति में।
ऐसा दिखेगा नया नक्शा
यदि पाकिस्तान चार हिस्सों में टूटता है, तो संभावित नक्शा इस तरह हो सकता है:
बलूचिस्तान: दक्षिण-पश्चिम में एक स्वतंत्र देश, जो प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होगा।
सिंधस्तान: दक्षिण-पूर्व में सिंध प्रांत, जो कराची जैसे आर्थिक केंद्र के साथ उभरेगा।
पंजाबिस्तान: मध्य और उत्तरी क्षेत्र, जो सबसे शक्तिशाली इकाई होगी।
पाकिस्तान: खैबर पख्तूनख्वा और कुछ उत्तरी क्षेत्र, जो अस्थिर और कमजोर रहेंगे।
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