रूस और भारत: नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर” नामक सम्मेलन में टिप्पणी
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल रूस की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पुतिन को आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया था। लावरोव ने कहा, “राष्ट्रपति पुतिन ने भारत सरकार के प्रमुख से मिलने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।” यह टिप्पणी “रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर” नामक सम्मेलन में की गई, जिसे रूसी अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद (RIAC) ने आयोजित किया था।
द्विपक्षीय व्यापार बढ़ा कर 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा
यूक्रेन में फरवरी 2022 में युद्ध के बाद यह पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी। इस यात्रा से पुतिन का 2030 का “नया आर्थिक रोडमैप” आगे बढ़ाने की उम्मीद है। दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार बढ़ा कर 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, और साथ ही चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री व्यापार गलियारा जैसे व्यापार मार्गों के विस्तार पर भी सहमति जताई है।
भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी विकसित करना चाहता है रूस
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इसी सप्ताह यह भी पुष्टि की है कि रूस नई दिल्ली के साथ द्विपक्षीय साझेदारी पूरी तरह से फिर से परिभाषित करने का लक्ष्य बना रहा है और भारत के साथ “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” विकसित करना चाहता है।” राष्ट्रपति पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे गए अपने संदेश में लिखा, “रूस-भारत संबंध एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पर आधारित हैं। मुझे विश्वास है कि हम सभी क्षेत्रों में उत्पादक द्विपक्षीय सहयोग निरंतर बनाए रखने के लिए संयुक्त प्रयासों का उपयोग करेंगे। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मामलों में रचनात्मक बातचीत भी करेंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह हमारे मित्रवत लोगों के मौलिक हित पूरे करता है और एक निष्पक्ष, बहुध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाने के प्रयासों के अनुरूप है।”
पिछले 10 सालों में कब-कब भारत आए पुतिन
11 दिसंबर 2014: पुतिन ने नई दिल्ली का दौरा किया और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 15वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लिया। यह दौरा तकनीकी रूप से 2015 से ठीक पहले का है, लेकिन इसे संदर्भ के लिए शामिल किया गया है। इस दौरान दोनों देशों ने ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में कई समझौते किए। 24 दिसंबर 2015: पुतिन 16वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए भारत आए। इस दौरे में परमाणु ऊर्जा और रक्षा सहयोग पर चर्चा हुई, जिसमें कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की दूसरी इकाई पर काम आगे बढ़ाने की बात शामिल थी।
15 अक्टूबर 2016: पुतिन गोवा में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) में भाग लेने आए। इसके साथ ही उन्होंने 17वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इस दौरान S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद पर समझौता हुआ।
4-5 अक्टूबर 2018: 19वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन नई दिल्ली आए। इस यात्रा में रक्षा, अंतरिक्ष और व्यापार पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिसमें S-400 सौदे को अंतिम रूप देना प्रमुख था।
6 दिसंबर 2021: पुतिन ने 21वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए भारत का दौरा किया। यह दौरा कोविड-19 महामारी के बाद उनकी पहली बड़ी विदेश यात्राओं में से एक था। इस दौरान दोनों देशों ने 2021-2031 के लिए सैन्य सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए और AK-203 राइफलों के संयुक्त उत्पादन का करार हुआ।
2025 में प्रस्तावित यात्रा: हाल की खबरों के अनुसार, पुतिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 में अपनी रूस यात्रा के दौरान भारत आने का निमंत्रण दिया था। क्रेमलिन ने संकेत दिया है कि यह दौरा 2025 की शुरुआत में हो सकता है। हालांकि अब तक इसकी सटीक तारीख तय नहीं हुई है।