चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप
‘संघीय चुनाव प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच’ शीर्षक वाली 123 पन्नों की रिपोर्ट में भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान को कनाडा के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत ने चुनाव में तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को पैसे देने के लिए प्रॉक्सी एजेंटों का इस्तेमाल हुआ है। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- हकीकत यह है कि कनाडा भारत के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप करता रहा है।राजनयिकों के निष्कासन से बढ़ी तल्खी
ट्रुडो आरोपों के बाद भारत और कनाडा के संबंधों में और तनाव बढ़ गया। दोनों देशों ने एक-दूसरे के कई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। अक्टूबर 2024 में कनाडा ने छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किया था तो जवाब में भारत ने भी छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर उच्चायुक्त को वापस बुला लिया।पिछले वर्ष हुआ था आयोग का गठन
सितंबर 2023 में कनाडा की एक एजेंसी ने दावा किया था कि कनाडा में 2019 और 2021 में हुए दो चुनावों में चीन ने दखल देकर ट्रूडो को चुनाव जिताने में मदद की है। इसके बाद कनाडा की राजनीति में काफी हंगामा मचा। इसके बाद विपक्षी नेताओं के दबाव में ड्रूडो ने मामले की जांच के लिए सितंबर, 2023 में हॉग आयोग का गठन किया। आयोग का नेतृत्व जस्टिस मैरी-जोसे होग ने किया।टाइमलाइन
-18 जून 2023 को सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर 45 वर्षीय खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या।-18 सितंबर को कनाडा की संसद में पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा, भारत सरकार की संभावित संलिप्तता के आरोपों की जांच की जा रही है।
-19 सितंबर को एक भारतीय राजनयिक निष्कासित। जवाब में भारत ने भी कनाडाई राजनयिक को निकाला।
-21 सितंबर को सुरक्षा कारणों का हवाला देकर कनाडा ने वीजा संचालन निलंबित किया।
-19 अक्टूबर को कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिक बुलाए।
-मई 2024 में तीन भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया।
अक्टूबर 2024 को कनाडा ने छह भारतीय राजनयिक निकाले।