4 माह पहले हुआ था ट्रांसफर
पुलिस के मुताबिक, मंजूनाथ चार माह पहले ही हिंडन एयरबेस से स्थानांतरण पर आगरा आए थे। सरकारी आवास में अपनी पत्नी के साथ रहते थे। पुलिस का कहना है कि आशंका व्यक्त की जा रही है कि पैराशूट नहीं खुलने से हादसा हुआ। इसकी जांच एयरफोर्स अपने स्तर से करती है। पुलिस का इस जांच से कोई लेना-देना नहीं रहता है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। हादसे की सूचना पर एसीपी सैंया देवेश सिंह फोर्स के साथ मौके पर आ गए थे। एयरफोर्स की टीम ने भी घटना स्थल का निरीक्षण किया।
पैराशूट जंपिंग के दौरान पहले भी हो चुके हैं हादसे
मलपुरा के पैरा ड्रापिंग जोन में पैराशूट जंपिंग के दौरान पहले भी हादसे हो चुके हैं। बीते छह सालों में ही चार जवानों की मौत हो चुकी है। मई 2023 में कमांडो का पैराशूट हाई टेंशन लाइन में उलझ गया था। उनकी मौत हो गई। घटना यह थी कि मलपुरा के ड्राप जोन से दूर हाइटेंशन लाइन में एक कमांडो का पैराशूट उलझ गया। उसके बाद हाईटेंशन लाइन से कमांडो नीचे गिर गया था। कमांडो अंकुर शर्मा की इस हादसे में मौत हुई थी।
2018 में 11 हजार फुट की ऊंचाई से गिर गया था जवान
इससे पूर्व नंवबर 2018 में भी हादसा हुआ था। मलपुरा के गामरी स्थित पैरा ड्रापिंग जोन में 11 हजार फुट की ऊंचाई से गिरने से पैरा ब्रिगेड के जवान हरदीप सिंह (26) की मौत हो गई थी। बताया गया था कि उनका पैराशूट नहीं खुला था। वह हेलिकॉप्टर से सीधे जमीन पर आकर गिरे थे। मार्च 2019 में भी हादसा हुआ। छह हजार फीट से कूदे पैरा ट्रूपर अमित सिंह पुत्र शक्ति सिंह का भी पैराशूट नहीं खुल सका था। जमीन पर गिरने से उनकी मौत हो गयी थी। अमित हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले थे। जबकि मार्च 2018 में पलवल के रहने वाले 25 वर्षीय पैरा कमांडो सुनील सहरावत की भी पैराशूट न खुलने से गिरने से मौत हो गयी थी।