उद्योगों का खर्च घटाने, नए अवसर पर जोर
बजट में कई तरह के नियमों को कम करने और करों के बोझ को घटाने की घोषणा प्रशंसनीय है। यह पहल उद्योगों और व्यवसायों को अधिक कार्यक्षम बनाने, उनका खर्च घटाने और वृद्धि के नए अवसर को बढ़ाने में मददगार होगी। बजट भारत के आर्थिक विकास के स्पष्ट मार्ग को दर्शाता है, जिसमें आर्थिक विकास के साथ समाज कल्याण और मूलभूत सुविधाओं के विकास पर जोर दिया गया है। -संदीप इंजीनियर, अध्यक्ष, जीसीसीआई
भारत ट्रेड नेट से वैश्विक बाजार में देश होगा मजबूत
बजट में व्यापार दस्तावेजीकरण और ऋण के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म -भारत ट्रेड नेट की शुरूआत की घोषणा की गई है। इससे यह प्रक्रिया व्यवस्थित होगी और ग्लोबल आपूर्ति में यह मददरूप होगी। इस पहल से वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति और मजबूत होगी। टिकाऊ निर्यात वृद्धि को प्रोत्साहन देने की यह कोशिश है। निर्यात को बढ़ाने के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। -राजेश गांधी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जीसीसीआई
टेक्सटाइल में चीन, विएतनाम पर निर्भरता घटेगी
बजट में शटल लेस लूम्स पर आयात कर से मुक्ति का निर्णय प्रशंसनीय है। इससे एग्रो-टेक्सटाइल, मेडिकल टेक्सटाइल और जियो टेक्सटाइल में स्थानीय उत्पादन की वृद्धि होगी, जिससे चीन और विएतनाम से आयात पर मौजूदा निर्भरता घटेगी। कपास के उत्पादन, विशेषरूप से एक्सट्रा लोंग स्टेपल (ईएलएस) किस्म और कपास की उपज को सुधारने के लिए पांच साल का मिशन शुरू किया है। इन प्रयासों से टेक्सटाइल सेक्टर और अन्य उद्योग को फायदा होगा। -अपूर्व शाह, उपाध्यक्ष, जीसीसीआई
टीडीएस, टीसीएस, आयकर में छूट से राहत
वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर कटौती की मर्यादा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख किया है। किराए पर टीडीएस की मर्यादा 2.40 लाख से बढ़ाकर छह लाख कर दी है। यह निर्णय सराहनीय हैं। 12.75 लाख रुपए तक की सालाना आय को कर मुक्त करने के निर्णय से नौकरीपेशा लोगों को काफी फायदा होगा। इससे उन्हें वित्तीय राहत तो मिलेगी ही मध्यम वर्ग की खरीद शक्ति भी बढ़ेगी। एनएसएस खातों से निकासी को भी कर मुक्ति देने की जीसीसीआई की मांग को भी बजट में स्वीकारा गया है। -गौरांग भगत, मानद मंत्री, जीसीसीआई