अलवर। राजस्थान में अलवर जिले के तेलिया का बास में पुलिस दबिश के दौरान एक मासूम बच्ची की मौत मामले में सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। नौगांवा के थानाधिकारी अजीत बड़सरा को सस्पेंड किया गया है। अब उनकी जगह एमआईए एसएचओ भूपेंद्र सिंह को एसएचओ लगाया गया है।
भूपेंद्र सिंह ने शनिवार शाम को कार्यभार भी ग्रहण कर लिया। इस संबंध में शनिवार को पुलिस अधीक्षक संजीव नैन की ओर से आदेश जारी किए गए थे। नैन ने बताया कि बड़सरा को प्रशासनिक कारणों से हटाया गया है। अब उनकी सेवाएं एसपी कार्यालय में रहेंगी। बता दें कि इस मामले में एसपी ने दो हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल को पहले ही लाइन हाजिर कर दिया था। साथ ही दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ नामजद मामला भी दर्ज किया गया था।
कांग्रेस ने धरना स्थगित किया
उधर, थानाधिकारी को हटाने के बाद कांग्रेस ने नंगली सर्किल पर रविवार को प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन को स्थगित कर दिया है। एआईसीसी की महासचिव जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में फूलबाग में कांग्रेस नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसके बाद यह निर्णय किया गया।
पुलिस को दी ये चेतावनी
बैठक के बाद जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने कहा कि हमने सरकार के समक्ष पूरे थाने को लाइन हाजिर करने, थाना अधिकारी को हटाने और जिले के बाहर के पुलिस अधिकारी से मामले की जांच कराने की मांग की थी। इस पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए थानाधिकारी को हटाकर भिवाड़ी के एएसपी को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है। हमारी सभी मांगें पूरी हो गई है, इसलिए धरना-प्रदर्शन को स्थगित किया जा रहा है। मिश्रा ने चेतावनी दी कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो हम सड़कों पर उतरेंगे।
पीड़ित परिवार को सौंपा एक लाख का चेक
मामले की जांच के लिए कांग्रेस की ओर से बनाई गई समिति ने भी तेलियाबास में पीड़ित परिवार से मिलकर उनको प्रशासन की कार्रवाई से अवगत कराया। इस दौरान जाकिर खान लक्ष्मणगढ़ की ओर से पीड़ित परिवार को एक लाख का चेक और पप्पू सरपंच रघुनाथगढ की ओर से 21 हजार की सहायता राशि सौंपी।
उल्लेखनीय है कि 2 जनवरी को सुबह नौगांवा पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर साइबर अपराधी की तलाश में तेलिया का बास स्थित एक घर पर दबिश दी थी। आरोप है कि दबिश की कार्रवाई के दौरान कमरे में चारपाई पर सो रही एक माह की मासूम बालिका पर पुलिसकर्मी ने पैर रख दिया। इससे उससे मौत हो गई। इस मामले में बच्ची के परिजन और ग्रामीण उसके शव को लेकर एसपी निवास पर पहुंचे थे। मामले में पुलिस अधीक्षक संजीव ने पुलिस टीम में शामिल 5 पुलिसकर्मियों को पूर्व में ही लाइन हाजिर कर दिया था। इसमें से दो हेड कांस्टेबलों के खिलाफ नामजद मामला भी दर्ज किया गया था।