इस तरह से बनेगा पानी के लिए रास्ता
करौली जिले के खुर्रा-चैनपुरा गांव से अलवर जिले की राजगढ़ तहसील में नहर प्रवेश करेगी। नहर का पानी सर्वप्रथम राजगढ़ के धमरेड़ बांध में आएगा। उसके बाद नटनी के बारां में पानी पहुंचाया जाएगा। वहां से पानी को दो भागों में बांटा जाएगा। इसमें एक लिंक नहर जयसमंद बांध और दूसरी लिंक नहर पानी को रूपारेल नदी के जरिए घाट बांध तक पहुंचाएगी। जयसमंद बांध से भी दो लिंक नहरों का निकाला जाएगा, जिसमें एक सिलीसेढ़ के लिए और दूसरी लिंक नहर कृत्रिम बांध के लिए जाएगी। हालांकि अभी यह तय करना शेष है कि कृत्रिम बांध के लिए जयसमंद बांध से किस तरफ से नहर निकाली जाएगी।फैक्ट फाइल
अलवर से खुर्रा-चैनपुरा(करौली जिला) की दूरी 150 किलोमीटरधमरेड़ बांध से नटनी के बारां तक 45 से 50 किलोमीटर
नटनी के बारां से जयसमंद बांध 12 किलोमीटर
नटनी के बारां से लेकर रूपारेल सहित घाट बांध 40 किलोमीटर
जयसमंद बांध से सिलीसेढ़ की दूरी 8 किलोमीटर
कुल पानी की आवक 200 मिलियन क्यूबिक मीटर
अलवर में ईआरसीपी परियोजना का पानी करौली जिले के खुर्रा-चैनपुरा से आएगा। इस नहर की अलवर- करौली के मध्य 150 किलोमीटर की दूरी है। नहर के माध्यम से अलवर को 200 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। अलवर जिले को नहर का पानी कृत्रिम बांध के जरिए बांटा जाएगा। इसके लिए जलदाय विभाग तय करेगा कि किस क्षेत्र से आमजन को कितना पानी देना है। कृत्रिम बांध बनाने के लिए विभाग तैयारी में जुटा हुआ है।