उत्पादन 50 प्रतिशत से भी कम
एमआईए में रीसेल में जमीनों के दाम करीब 12 से 13 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर के आसपास है, लेकिन खानों के बंद होने के बाद इनके दाम 9 से 10 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर रह गए हैं। दामों में गिरावट के बावजूद पिछले दिनों में एमआईए में एक उद्योगपति ने 9500 रुपए प्रति वर्गमीटर में अपने उद्योग की जमीन को बेचा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मई, 2024 में खानों को बंद करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद से लगातार उद्योगों का उत्पादन 50 प्रतिशत से भी कम रह गया है। एमआईए और राजगढ़ में करीब 500 उद्योग मिनरल्स एंड माइंस से सीधे जुड़े हैं।मार्बल की खानें थीं
सरिस्का क्षेत्र में जो खानें बंद हुई हैं, ये मार्बल की थीं। ग्राइंडिंग उद्योगों को मार्बल पत्थर सप्लाई होता था। इन फैक्ट्रियों में रोजाना पन्द्रह से बीस हजार टन पाउडर का उत्पादन होता था, जो पूरे देशभर में सप्लाई होता था। अब उत्पादन 5 से 10 हजार टन प्रतिदिन ही हो रहा है। कई उद्योगों ने अपना स्टाफ भी कम कर दिया है। साथ ही बिजली के अतिरिक्त कनेक्शन भी बंद करवा दिए हैं।सरिस्का की खानें बंद होने से उद्योगों पर बुरा असर पड़ा है। खनन से जुड़े उद्योगों की जमीनों की पुनर्बेचान दरों में तीन हजार रुपए प्रति वर्गमीटर तक की कमी आई है। कई उद्योग राजसमंद, उदयपुर, बांसवाड़ा की तरफ भी रुख कर गए हैं।- गोविंद गर्ग, अध्यक्ष, मत्स्य उद्योग संघ