नवनिर्वाचित महापौर के इस बयान (Controversial statement) के बाद जिला कांग्रेस में आक्रोश है। कांग्रेस ने कोतवाली थाना प्रभारी को शिकायत पत्र सौंपकर मंजूषा भगत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की है।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि मंजूषा भगत का बयान अस्पृश्यता और धार्मिक भेदभाव की भावना से परिपूर्ण है। सार्वजनिक बयान (Controversial statement) न केवल संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है, बल्कि एक दंडनीय अपराध होने के साथ ही एक जनप्रतिनिधि के आचरण के विरूद्ध भी है।
Controversial statement: बहिष्कार का लिया है निर्णय
नव निर्वाचित महापौर के विवादित बयान (Controversial statement) के बाद कांग्रेस में आक्रोश है। कांग्रेस का कहना है कि मंजूषा भगत अपने दिए गए बयान पर वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, अन्यथा रविवार को शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस के नव निर्वाचित पार्षद शामिल नहीं होंगे और शपथ ग्रहण का बहिष्कार करेंगे।
‘किसी धर्म-जाति को ठेस पहुंचाना मेरा उद्देश्य नहीं’
नव निर्वाचित महापौर मंजूषा भगत ने शनिवार को पुन: मीडिया में बयान (Controversial statementh) के माध्यम से सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य किसी भी जाति व धर्म को ठेस पहुंचाना नहीं है। हर जाति-धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पूर्व पूजा-अर्चना की जाती है। मुझे जनता ने जीताकर भेजा है। 2 फरवरी को शपथ ग्रहण के बाद पद्भार ग्रहण करूंगी। मैं चाहती हूं कि अपने चेंबर में बैठने से पूर्व विधिवत पूजा अर्चना करूं।
शपथ ग्रहण कराना प्रशासन का काम
मेयर मंजूषा भगत ने कहा कि शपथ ग्रहण (Controversial statement) कराना जिला प्रशासन का काम है। सीएम की उपस्थिति में शपथ ग्रहण होगा। मैं चाहूंगी की सभी पार्षद शपथ लें। बिना शपथ के सभापति चुनने का भी उन्हें अधिकार नहीं रहेगा और न ही पूर्ण रूप से पार्षद कहलाएंगे।