अशोकनगर में रुपए एकत्रित करने का तरीका सिखाकर व अच्छे ब्याज का झांसा देकर प्राइवेट बैंक की बड़ी धोखाधड़ी सामने आई है। लोगों से उनकी मेहनत की कमाई जमा तो करा ली, लेकिन राशि लौटाई नहीं जा रही है। अब अथाईखेड़ा के भी 30 लोगों ने अपने साथ 17.38 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
ठगी का यह मामला शहर की लस्टीनेस जनहित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी (एलजेसीसी बैंक) का है। कोतवाली में इस बैंक के सीईओ व दो डायरेक्टरों के खिलाफ धोखाधड़ी व अमानत में खयानत की एफआइआर दर्ज है। वहीं अब अथाईखेड़ा के 30 दुकानदारों ने बहादुरपुर थाना पहुंचकर बैंक की शिकायत की है।
दुकानदारों का कहना है कि एलजेसीसी बैंक के कलेक्शन एजेंट बंगला चौराहा निवासी गोलू करेले पुत्र हन्नू अहिरवार और बेलई निवासी अंकित पुत्र जगदीश लोधी ने उनसे रोज रुपए लेकर बैंक में जमा किए थे। समय अवधि पूरी होने के छह माह बाद भी ब्याज तो दूर, मूल रकम भी वापस नहीं मिली है। साथ ही अब दोनों कलेक्शन एजेंट ने अथाईखेड़ा आना भी बंद कर दिया है। दुकानदारों ने पुलिस से इस मामले में कार्रवाई कर रुपए वापस दिलाने की मांग की है।
इन दुकानदारों के साथ हुई धोखाधड़ी
एलजेसीसी बैंक में अथाईखेड़ा के डॉ.हरीशचंद्र विश्वास के 1.80 लाख रु., रवि त्यागी के 2.80 लाख रु., राजू यादव के 96,600 रु., रविंद यादव के 35 हजार, जितेंद्रकुमार जैन के 1,09,500 रु., रामवीर लोधी के 54,750 रु., विशाल लोधी के 36,500, दीपक छीपा के 73 हजार, शशि जैन के 94,300 रु.,मोनू यादव के 70 हजार रु.,सुबोधकुमार जैन के 49,500 रु., प्रमोद लोधी के 48 हजार रु., अमरसिंह लोधी के 38,650 रु., प्रमोद ओझा के 21 हजार रु. सहित कुल 30 लोगों ने बैंक में 17 लाख 38 हजार 600 रुपए जमा किए। आज तक बैंक ने इन्हें यह राशि वापस नहीं की। बहादुरपुर थाना प्रभारी अरविंदसिंह के अनुसार अथाईखेड़ा के 30 दुकानदारों ने लस्टीनेस जनहित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी बैंक में उनके 17.38 लाख रु.फंसे होने की शिकायत की है। उनसे दस्तावेज मांगे गए हैं, दस्तावेज आते ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इधर अशोकनगर कोतवाली प्रभारी मनीष शर्मा बताते हैं कि अशोकनगर शाखा प्रभारी महेंद्रसिंह चौहान की शिकायत पर एलजेसीसी के सीईओ अनुराग बंसल व दो डायरेक्टर पर धोखाधड़ी व अमानत में खयानत का प्रकरण दर्ज किया जा चुका है। 15 फरवरी को ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। करीब 600 लोगों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी होना बताया जा रहा है, मामले की जांच की जा रही है।
कोतवाली में अब तक करीब 15 लोग इस बैंक में अपने 24 से 25 लाख रुपए फंसे होने की शिकायत कर चुके हैं। वहीं अथाईखेड़ा के 30 लोगों ने 17.38 लाख रुपए फंसे होने की शिकायत की है। कोतवाली पुलिस का मानना है कि बैंक ने करीब 600 लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है। पुलिस का अनुमान है कि जिले में इस बैंक ने करीब 20 से 25 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है।
ऐसे काम करता था बैंक
● एक राशि फिक्स कर लोगों से रोजाना निर्धारित समय अवधि तक बैंक में जमा कराई जाती थी। अवधि पूरी होने पर ब्याज सहित रुपए लौटाने का भरोसा दिया गया था।
● छोटे दुकानदारों ने रुपए एकत्रित करने के चक्कर में इसमें खाते खोले और प्रतिदिन एक निर्धारित रकम इस बैंक में जमा कराई। किसी ने 1 साल तो किसी ने 3 साल की स्कीम ली थी।
● इसके लिए शहर में करीब 20 कलेक्शन एजेंट बनाए गए थे, जो दुकानदारों व लोगों के पास उनकी प्रतिदिन की निर्धारित रकम को रोज लेकर बैंक में जमा कराते थे। ● बैंक के अशोकनगर शाखा प्रभारी महेंद्रसिंह चौहान ने भी अपने 10-12 लाख रुपए फंसे होने की शिकायत की है। बैंक के एकाउंटेंट पवन नामदेव ने भी ऐसी ही शिकायत की।
● चाय बेचनेवाले कृष्णपाल यादव ने चाय बेचकर रोजाना 900 रुपए की बचत कर दोनों खातों में अब तक 4.88 लाख रुपए जमा करा दिए। अब राशि वापस पाने के लिए भटकने को मजबूर हैं।