इस मुहिम को देश की प्रमुख हेलमेट कंपनियों की संस्था 2WHMA (टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) का भी पूरा साथ मिला है। संस्था ने सरकार के इस फैसले की तारीफ करते हुए कहा है कि यह अभियान अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बन सकता है।
UP में क्यों जरूरी हो गया ये कदम?
दरअसल, उत्तर प्रदेश में पिछले साल 46,000 से ज्यादा सड़क हादसे हुए, जिनमें 24,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इन मौतों में बड़ी संख्या दोपहिया वाहन चालकों की थी, जो या तो बिना हेलमेट थे या नकली और असुरक्षित हेलमेट पहन रहे थे। इन चिंताजनक आंकड़ों को देखते हुए यूपी परिवहन विभाग ने एक राज्यव्यापी अभियान शुरू किया है। इसका मकसद सिर्फ नकली हेलमेट बेचने वालों पर कार्रवाई करना ही नहीं, बल्कि आम जनता को भी जागरूक करना है कि BIS सर्टिफाइड हेलमेट ही जान बचा सकते हैं।
अब नकली हेलमेट पर होगी FIR
अब अगर कोई व्यक्ति नकली हेलमेट बेचता या पहनता पकड़ा गया, तो उस पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके तहत FIR भी होगी और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ये भी पढ़ें- MG Motor ने फिर बढ़ाई Hector Plus की कीमत, जनवरी के बाद अब मई में ग्राहकों को झटका, यहां देखें हर वेरिएंट का प्राइस 2WHMA ने की यूपी सरकार की तारीफ
2WHMA के अध्यक्ष और स्टीलबर्ड हेलमेट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव कपूर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और परिवहन आयुक्त बीएन सिंह के प्रयासों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा, “फेक हेलमेट साइलेंट किलर हैं। इन पर रोक लगाना लोगों की जान बचाने के लिए जरूरी है। यूपी सरकार का यह कदम देश के बाकी राज्यों के लिए भी उदाहरण बन सकता है।”
राजीव कपूर ने यह भी कहा कि सड़क सुरक्षा सिर्फ किसी एक राज्य का मामला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संकट है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से मिलकर इस दिशा में काम करने की अपील की।
BIS हेलमेट को मिले बढ़ावा
2WHMA का मानना है कि बाजार में नकली हेलमेट खुलेआम बिक रहे हैं, जो दुर्घटना के समय कोई सुरक्षा नहीं देते। संस्था लंबे समय से मांग कर रही है कि सिर्फ BIS प्रमाणित हेलमेट ही बाजार में बिकने चाहिए।
क्या हो सकता है असर?
उत्तर प्रदेश की यह कार्रवाई देश भर में सड़क सुरक्षा को लेकर चल रहे संघर्ष में एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है। उम्मीद की जा रही है कि बाकी राज्य भी इसी तरह के कदम उठाएंगे ताकि दोपहिया वाहन चालकों की जान बचाई जा सके।