किसके पक्ष में हुई वोटिंग ?
अब सवाल ये है कि आखिरी मिल्कीपुर में हुई बंपर वोटिंग किसके पक्ष में हैं। क्या-क्या यहां बीजेपी जीत का परचम लहराकर अपनी हार का बदला ले पाएगी या फिर समाजवादी पार्टी और उसके सांसद अवधेश प्रसाद का जलवा फिर कायम होगा? 65.35% वोटिंग ने यह साफ कर दिया कि जनता इस उप चुनाव को लेकर बेहद गंभीर है। ये रिकॉर्ड मतदान इसकी गवाही भी देता है। मिल्कीपुर सीट पर बंपर मतदान क्या कहता है, आइये फैक्ट के साथ समझते हैं।
सपा का अभेद्य किला है मिल्कीपुर
साल 2022 में इस सीट पर 60.23% मतदान हुआ था। समाजवादी पार्टी, बीजेपी, बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान थे। तब सपा के अवधेश प्रसाद ने जीत हासिल की थी। उन्हें कुल 1 लाख 3 हजार 905 वोट मिले थे वहीं बीजेपी के बाबा गोरखनाथ दूसरे नंबर पर थे और उन्हें 90 हजार 567 मत मिले थे। वहीं बसपा की मीरा देवी को 14 हजार 427 और कांग्रेस की नीलम कोरी को 3 हजार 166 वोट मिले थे। अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के बाबा गोरखनाथ को 13,338 से मात दी थी।
योगी ने संभाली कमान
मिल्कीपुर उप चुनाव की मॉनिटरिंग खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे थे। एक सीट के इस उपचुनाव में 6 से ज्यादा मंत्रियों को अलग-अलग जिम्मेदारी देकर अभेद किला तैयार किया गया। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ जैसा प्रमुख आयोजन छोड़कर बार-बार मिल्कीपुर का दौरा करते रहें। साथ ही आरएसएस भी ग्राउंड पर कार्य कर रहा था। कौन जीतेगा मिल्कीपुर ?
क्यों लोकसभा में अयोध्या की हार के बाद मिल्कीपुर संघ और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था ? माना जा रहा है कि इस बार हुई बंपर वोटिंग भाजपा के पक्ष में है। ये बात निकलकर आ रही कि भाजपा यहां से बढ़त बना रही है। यहां के वोटर्स का उत्साह देखकर भी यह बात साफ हो गई है।