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बालाघाट

किरनापुर क्षेत्र के ग्रामों में बिना अनुमति हो रहा ईंट भट्टे का संचालन

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व खनिज विभाग के नियमों की अव्हेलना

बालाघाटFeb 28, 2025 / 02:24 pm

mukesh yadav

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व खनिज विभाग के नियमों की अव्हेलना

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व खनिज विभाग के नियमों की अव्हेलना

बालाघाट/लांजी। प्रशासनिक अनदेखी के चलते क्षेत्र में अवैध रूप से ईंट भट्टे संचालित हो रहे हंै। इन भट्टा संचालकों के पास न तो कोई लाइसेंस है और न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रमाण पत्र। इसके बावजूद भी ईंट भट्टों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा हैं। जानकारी के अनुसार किरनापुर विकासखंड अंतर्गत आने वाले वनांचल ग्रामों में कई लोग अपने खेतों के अलावा शासकीय भूमि में ईंटों का उपयोग खुद लेने की आड़ में ईंटें बनाकर अन्य लोगों को बेच रहे हंै।
नियमानुसार भट्टा संचालकों को खनिज विभाग से ईंट बनाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। साथ ही पर्यावरण विभाग की भी अनुमति लेनी पड़ती है। लेकिन किरनापुर क्षेत्र में संचालित ईंट भट्टों में शासकीय नियमों के पालन की अनदेखी की जाती हैं। इससे खनिज विभाग को लाखों रुपए की क्षति हो रही है। प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से प्रतिवर्ष ईट भट्टा संचालकों की संख्या बढ़ती जा रही है। कई ठेकेदारों द्वारा एक जगह की अनुमति होने के बाद कई जगहों पर ईंट भट्टे संचालित किए जा रहे हंै।
जंगलों में दर्जनों भट्टे
जानकारी अनुसार किरनापुर विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पीपलगांव के लोढ़ांगी चौकी के पीछे घने जंगलों की आड़ में भी अवैध ईट भट्टे का कारोबार जमकर फल फूल रहा है। जिसकी प्रशासन को भनक तक नहीं है। वहीं भट्टा संचालकों द्वारा खनिज विभाग से अनुमति की बात पूछने पर कहा जाता है की ईंट भट्टे के संचालन के लिए किसी प्रकार की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। यह कार्य वह वर्षों से करते आ रहे हैं। लेकिन आज तक किसी भी विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो अब अनुमति की आवश्यकता क्यों पडऩे लगी।
शासकीय भूमि को नुकसान
ईंट भट्टा संचालित होने के बाद बंजर हो जाता है, खेत कई जगहों पर ईंट भट्टे के लिए बड़े-बड़े वृक्षों को काटा जाता है। इन अवैध ईंटों को पकाने के लिए अधिकांश जगहों पर अवैध कोयला खरीदी कर इसका उपयोग ईंट भट्टा संचालकों द्वारा किया जाता है। ईंट भट्टा संचालित होने के बाद खेत की जमीन बंजर हो जाती है। इसके बाद उस जमीन पर कोई फसल भी नहीं होती है।
विभाग पर उठ रहे सवाल
भट्टा संचालकों द्वारा यह भी कहा जाता है की विभाग के अधिकारियों से लेन देन के बाद ही वे भट्टे का संचालन कर रहे है। विभाग के अधिकारियों को भी क्षेत्र में चल रहे भट्टें की जानकारी है। लेकिन प्रशासन के राजस्व को नुकसान पहुंचाते हुए अधिकारियों द्वारा भी अवैध भट्टा मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि इन अवैध भट्टा संचालकों द्वारा लाखों की मात्रा में र्ईट बनाकर व्यवसाय किया जा रहा है।
वर्सन
आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है। अगर कोई व्यक्ति बिना अनुमति के ईट भट्टे का संचालन करता पाया जाता है, तो जांच उपरांत कार्रवाई की जाएगी।
पूर्णिमा भगत, तहसीलदार किरनापुर

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