एसीएम फर्स्ट पर कार्रवाई: जनवरी में एक भी वाद का निस्तारण नहीं
17 फरवरी को डीएम ने एसीएम फर्स्ट देश दीपक सिंह को चेतावनी पत्र जारी किया। इसमें 12 फरवरी की समीक्षा बैठक का हवाला देते हुए कहा गया कि जनवरी में उन्होंने धारा 24, धारा 116 सहित किसी भी राजस्व वाद का निस्तारण नहीं किया। धारा 24 के 5 वाद, धारा 116 के 26 वाद, अन्य 56 वाद न्यायालय में लंबित हैं। डीएम ने तीन दिन में जवाब मांगा है कि मुख्यमंत्री और राजस्व परिषद द्वारा बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद वादों के निस्तारण में लापरवाही क्यों की गई।
नायब तहसीलदार बल्लिया भी सुस्त, 90 में से सिर्फ 20 वादों का निपटारा
नायब तहसीलदार राकेश त्रिवेदी को भी चेतावनी पत्र जारी किया गया है। 31 जनवरी तक धारा 34 के तहत दर्ज 90 वादों में से केवल 20 का निस्तारण किया गया, जिससे डीएम ने नाराजगी जताई है। उन्हें भी तीन दिन में जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
बिजली विभाग के एक्सईएन का वेतन रोका
विद्युत वितरण खंड ग्रामीण प्रथम के एक्सईएन मनोज कुमार के खिलाफ आईजीआरएस शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण न करने और उपभोक्ताओं से लगातार असंतुष्ट फीडबैक मिलने पर डीएम ने उनका वेतन रोक दिया है।
डीएम को दिए गए निरीक्षण के निर्देश
राजस्व परिषद अध्यक्ष के निर्देश पर अपर आयुक्त प्रशासन प्रीति जायसवाल ने मंडल के सभी डीएम को पत्र भेजकर तहसीलदार और नायब तहसीलदार न्यायालयों में लंबित वादों की निगरानी करने और निरीक्षण रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।
निरीक्षण में इन धाराओं पर ध्यान देने के आदेश:
धारा 34/35 (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम) धारा 33/39 (राजस्व संहिता) धारा 32/38 और धारा 33/35 डीएम ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राजस्व वादों के निस्तारण में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और यदि लापरवाही जारी रही तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।