क्या योगी सरकार लाएगी ‘लाडली बहना’ जैसी योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने यह सख्त फैसला फर्जी राशन कार्ड धारकों की पहचान करने और सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लिया है। लाखों लाभार्थियों ने अब तक अपनी बायोमेट्रिक KYC अपडेट नहीं कराई, जिसके चलते वे अब सरकारी योजना के तहत सस्ते राशन से वंचित हो सकते हैं।उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी है। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि कई फर्जी लाभार्थी और अपात्र लोग राशन कार्ड का फायदा उठा रहे थे। सरकार चाहती है कि सभी पात्र लाभार्थियों की सही जानकारी सरकार के पास हो, जिससे असली जरूरतमंदों को ही राशन मिले।
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सरकार ने पहले ई-केवाईसी की डेडलाइन 31 दिसंबर 2023 रखी थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 31 जनवरी 2024 किया गया और फिर अंतिम बार 13 फरवरी 2024 तक मौका दिया गया। लेकिन अब, पोर्टल बंद कर दिया गया है और जो लाभार्थी अभी तक KYC पूरी नहीं कर पाए हैं, उन्हें मार्च से राशन मिलने में दिक्कत होगी।किन लोगों को होगा नुकसान
- जिन लोगों ने अभी तक राशन कार्ड की ई-केवाईसी पूरी नहीं की है।
- जिनके आधार कार्ड और राशन कार्ड आपस में लिंक नहीं हैं।
- वे लोग जो राशन कार्ड का दुरुपयोग कर रहे थे और सरकार की जांच में पकड़ लिए गए।
- सरकार का यह फैसला गरीबों के लिए राहत भी लेकर आया है क्योंकि इससे फर्जी कार्ड धारकों की पहचान की जाएगी और जो लोग वास्तव में इस योजना के हकदार हैं, वे सही तरीके से लाभ उठा सकेंगे।
राशन कार्ड धारकों को क्या करना चाहिए
अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिनकी ई-केवाईसी अभी तक पूरी नहीं हुई है, तो आपके पास अब कोई मौका नहीं बचा है। लेकिन सरकार की ओर से आगे किसी भी राहत की घोषणा की जा सकती है। इसके लिए आपको खाद्य एवं रसद विभाग की आधिकारिक वेबसाइट और अपने नजदीकी राशन डीलर से संपर्क में रहना चाहिए।लखनऊ के प्राचीन बुद्धेश्वर महादेव मंदिर का होगा सौंदर्यीकरण, 2.32 करोड़ रुपये स्वीकृत
ई-केवाईसी कैसे कराई जाती थी
ई-केवाईसी कराने के लिए लाभार्थियों को निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होता था:- नजदीकी राशन दुकान या CSC (Common Service Center) पर जाकर आधार कार्ड और राशन कार्ड जमा करना होता था।
- बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट या आंखों की स्कैनिंग) सत्यापन कराया जाता था।
- राशन कार्ड और आधार कार्ड को आपस में लिंक किया जाता था।
- एक बार ई-केवाईसी पूरी होने के बाद लाभार्थी को OTP (One-Time Password) मिलता था, जिससे KYC पूरी हो जाती थी।
- लेकिन अब 13 फरवरी के बाद यह प्रक्रिया बंद कर दी गई है, जिससे लाखों लोगों को समस्या हो सकती है।
सरकार का क्या कहना है
उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य एवं रसद विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई नई डेडलाइन नहीं दी जाएगी। खाद्य मंत्री ने कहा कि सरकार इस योजना को पूरी तरह पारदर्शी बनाना चाहती है, ताकि असली गरीब और जरूरतमंद परिवारों को ही लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर फर्जी राशन कार्ड बनाए गए थे, जिन्हें अब ई-केवाईसी के जरिए हटाया जा रहा है।सरकार के अनुसार, इस फैसले से लाखों अपात्र लोग बाहर हो जाएंगे, और सही लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल सकेगा।यूपी विधानसभा बजट सत्र का दूसरा दिन: राज्यपाल के अभिभाषण पर जोरदार चर्चा, विपक्ष ने सरकार को घेरा
क्या मिलती है राशन योजना के तहत सहायता
उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत करोड़ों परिवारों को रियायती दरों पर राशन उपलब्ध कराती है। इसमें शामिल हैं:- गेहूं – 2 रुपये प्रति किलो
- चावल – 3 रुपये प्रति किलो
- चना, चीनी और तेल भी कुछ समय-समय पर मुफ्त या रियायती दरों पर दिया जाता है
- अगर कोई व्यक्ति ई-केवाईसी नहीं कराता है, तो उसे यह सभी सुविधाएं मिलनी बंद हो जाएंगी।