दिग्विजय सिंह ने बेटे जयवर्धन के साथ किया महाकुंभ स्नान, एमपी में गरमाई सियासत
Maha kumbh 2025 : दिग्विजय सिंह ने बेटे के साथ महाकुंभ में स्नान किया। भगदड़ में मारे गए लोगों के लिए प्रार्थना करने के बाद गरमाई एमपी की सियासत। मंत्री विश्वास सारंग ने हमला तो कांग्रेस ने किया पलटवार।
Maha Kumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में लगातार भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। इसी बीच कई मुद्दों को लेकर यहां राजनीति भी हो रही है। महाकुंभ को लेकर मध्य प्रदेश की सियासत एक बार फिर उस समय गरमा गई, जब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने बेटे पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह के साथ महाकुंभ में स्नान करने पहुंचे। यहां मीडिया से चर्चा के दौरान महाकुंभ में हुई श्रद्धालुओं की मौतों पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय ने मौतों का दोषी प्रसासनिक अव्यवस्थाओं को बताया। अब इस मामले में लगातार सियासत गरमा रही है।
मामले को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जहां दिग्विजय को दो नावों पर सवार होकर चलने वाला नेता बताया तो वहीं, मोहन सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने भी दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए कहा- ‘गंगा नहाए ये अच्छी बात, पर कर्म नहीं बदले।’ हालांकि, सारंग के बयान पर कांग्रेस की ओर से भी पलटवार किया गया है।
विश्वास सारंग ने साधा निशाना
मोहन सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने दिग्विय सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘दिग्विजय सिंह को महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद गड़बड़ कर दी, डुबकी लगाने के बाद महाकुंभ की सात्विकता और सनातन पर बातें करना चाहिए थी, लेकिन वहां भी राजनीति की ही बातें की, जिससे दिग्विजय सिंह की इस डुबकी का कोई मतलब नहीं रहा।’
दरअसल, डुबकी लगाने के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा था कि हर आदमी की अपनी आस्था होती है, मेरे लिए कुंभ में स्नान करना राजनीतिक विषय नहीं है, यह केवल आस्था का विषय है, लेकिन हमें इसे इवेंट नहीं मानना चाहिए. इस दौरान उन्होंने मोनी अमवस्या में भगदड़ में मारे गए लोगों के लिए प्रार्थन की थी, जिसके बाद से ही सियासत गर्मा गई।
वहीं, विश्वास सारंग के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि, ‘भाजपा पहले खुद सात्विकता सीखें, क्योंकि दिनभर गालियां देना का काम बीजेपी वाले करते है। उन्हें जरूरत है सात्विकता सीखने की।’
बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ में आम लोग तो लोग जा ही रहे हैं, वहीं नेता भी लगातार महाकुंभ में जा रहे हैं। जिसपर सियासत भी तेज हो रही है। क्योंकि, बीजेपी और कांग्रेस के नेता भी एक दूसरे पर लगातार निशाना साध रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने माघ पूर्णिमा पर अपने बेटे जयवर्धन सिंह के साथ प्रयागराज महाकुंभ में स्नान किए थे।
आपको बता दें कि, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को माघी पूर्णिमा के मौके पर बेटे जयवर्धन सिंह के साथ संगम में डुबकी लगाई थी। स्नान के बाद उन्होंने से चर्चा करते हुए कहा कि, महाकुंभ में स्नान करना उनके लिए राजनीति नहीं, बल्कि आस्था का विषय है। इससे पहले भी 3 कुंभ में वो यहां आ चुके हैं। भगदड़ की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए दिग्विय सिंह ने कहा कि, जाम समेत अन्य व्यवस्थाओं की कमी के कारण यहां भगदड़ मची थी। दिग्विजय ने आगे कहा कि, जब यहां 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान था और इसके लिए तैयारी की जा चुकी थी तो फिर भगदड़ कैसे मची?
दिग्विजय सिंह ने कहा कि, मेले में जाम और इंतजाम में कमियों के चलते मौनी अमावस्या पर भगदड़ मची। जाम और भगदड़ होना साबित करता है कि व्यवस्था में कहीं न कहीं कमी रही। इतने बड़े आयोजन में कुछ कमियां रह जाती हैं। महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन को इवेंट के तौर पर प्रचारित करना गलती थी। दिग्विजय सिंह के अनुसार, वो पहले भी 3 बार कुंभ आ चुके हैं। मां गंगा में आस्था के चलते ही वो इस बार भी यहां आए। इसे राजनीति से जोड़कर न देखें, ये उनकी आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब वो खुद एमपी में सीएम थे, उस समय यहां आए थे। आगे भी आएंगे। इतने बड़े अयोजन में वीआईपी व्यवस्था कम होनी चाहिए, इससे अव्यवस्था बढ़ती है।
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