ये है पूरा मामला
हाईकोर्ट की जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की बेंच के सामने सरकार ने बताया कि अब छह गैस राहत अस्पतालों में अतिरिक्त स्कैनर मशीनें लगाई गई हैं। इससे अब प्रतिदिन 20,000 पेज की स्कैनिंग हो रही है। सरकार के अनुसार, पूरे 17 लाख पेज का डिजिटलीकरण करने में लगभग 6 महीने लगेंगे।पहले सरकार ने कहा था कि 2014 से पहले के रिकॉर्ड बहुत पुराने हैं और इनकी स्कैनिंग धीमी गति से होगी। उस समय केवल 3,000 पृष्ठ प्रतिदिन स्कैन हो रहे थे, जिससे इस काम को पूरा करने में 550 दिन लग सकते थे। जिस मंदिर में की चोरी, उसी में नाक रगड़कर मांगी माफी, देखें वीडियो जल्द किया जाए मेडिकल रिपोर्ट का डिजिटलीकरण
इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और सरकार को तेज़ी से काम करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि मेडिकल रिपोर्ट का डिजिटलीकरण जल्द पूरा किया जाए और हर चरण की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि पीड़ितों की स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई बाधा न आए। याचिका की अगली सुनवाई में इस कार्य की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।