शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ा
राजधानी में पिछले साल करीब 50 महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़खानी के मामले दर्ज हुए। रिपोर्ट में पता चला कि छेड़खानी करने वाले अंतरंग साथी और परिवार से संबंधित लोगों की संख्या अधिक थी। आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के जीवन का निजी और घरेलू क्षेत्र जहां उन्हें सबसे सुरक्षित होना चाहिए, वहां उनमें से कई को मानसिक और शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ा।
महिलाएं बरतें ये सावधानी
महिलाओं की सुरक्षा पर कार्य करने वाली गौरवी की शिवानी सैनी कहती हैं कि बात जब महिलाओं की सुरक्षा की आती है तो, इसमें कोई दोराय नहीं कि हर महिला जरूरी सावधानी बरतने की पूरी कोशिश करती है। लेकिन कुछ ऐसे सेफ्टी टिप्स भी हैं जो, मुश्किल घड़ी में महिलाओं के काम आ सकते हैं।
सिक्योरिटी सिस्टम
यदि अकेली हैं तो, घर में सिक्योरिटी सिस्टम लगवाएं। इससे पता होगा कि कौन, कब आपके आसपास भटकने की कोशिश कर रहा है। सोशल मीडिया पर लोकेशन
कहीं भी आ जा रही हैं तो, सोशल मीडिया पर लोकेशन शेयर करें। खासकर अकेले सफर में हैं या टैक्सी बुक की है तो, अपने अकाउंट की लाइव अपडेटस देते रहें।
जीपीएस ऑन रखें
देर रात ट्यूशन ऑफिस या कहीं और से घर के लिए निकलें तो, फोन का जीपीएस ऑन रखें और किसी जानकार को लाइव लोकेशन शेयर करें। पुलिस की मदद लें
किसी से खतरा महसूस होता है कोई स्टोक या कोई पीछा कर रहा है तो, शिकायत करने से न कतराएं। पुलिस की मदद लें।
अपनी गट फीलिंग पर करें भरोसा
किसके मन में क्या चल रहा है, यह पता लगाना बेहद मुश्किल है। अच्छा लगने वाला इंसान भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अकेले जाने में घबराहट या डर महसूस हो रहा है तो, अपनी गट फीलिंग पर भरोसा करें और सावधानी बरतें। कुछ भी बुरा लग रहा हो तो टोंकें। क्योंकि सुरक्षा किसी के रूठ जाने से ज्यादा जरूरी है। गौरवी की हेल्पलाइन नंबर पर मदद मांगें
जेपी अस्पताल परिसर में गौरवी केंद्र (सखी) में हिंसा पीड़ित महिलाओं को कानूनी, मनौवैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी सलाह की सुविधा है।
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