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लोकोत्सव हड्डा में मूंछों पर ताव के साथ जोर आजमाइश करते हुए आपस में भिड़े

मूंछों के ताव लगाते हुए भुजाए फडफड़़ा कर जब एक डंक्या ढोल पर जोशीली थाप पर युवाओं की टोलियां का रैला शुरू हुआ तो लोग हडूडा की कुश्ती देखने घरों से निकल पड़े। जोश के साथ भीया गांव में सोमवार को गणगौर पर होने वाले लोकोत्सव भीया के हडूडा में लोग शामिल हुए।

बूंदीApr 01, 2025 / 12:29 pm

Narendra Agarwal

लोकोत्सव हड्डा में मूंछों पर ताव के साथ जोर आजमाइश करते हुए आपस में भिड़े

केशवरायपाटन. भीया में हडूडा की कुश्ती में जोर दिखाती जोडिय़ां

केशवरायपाटन . मूंछों के ताव लगाते हुए भुजाए फडफड़़ा कर जब एक डंक्या ढोल पर जोशीली थाप पर युवाओं की टोलियां का रैला शुरू हुआ तो लोग हडूडा की कुश्ती देखने घरों से निकल पड़े। जोश के साथ भीया गांव में सोमवार को गणगौर पर होनेवाले लोकोत्सव भीया के हडूडा में लोग शामिल हुए।
गांव के बीच स्थित कटिया के हनुमान जी मंदिर परिसर से शाम पांच बजे लोग इक_े होने लवे। पुजारी दीनदयाल माली ने हनुमान जी महाराज की पूजा अर्चना की। मंदिर परिसर से हडूडा की कुश्ती के लिए उम्दा जोश के साथ जोड़ी रवाना हुई। यह जोड़ी वहां से मालियों के मोहल्ले पर पहुंची तो पहले से ही खड़ी युवाओं की टोली ने जोड़ी को रोक लिया।

एक दूसरे को रोक कर धीगा मस्ती के साथ जोर आजमाइश करते हुए आपस में भिड़ पड़े। ज्यों ज्यों ढोल की थाप तेज होती गई तो लोगों में जोश बढ़ता गया। हडूडा का जुलूस प्रजापत मोहल्ले होता हुआ हडक्या हनुमान जी के सामने से विभिन्न गलियों में होता हुआ भगवान सुखरायजी के मंदिर के सामने पहुंचा तो वहां पर भी जमकर जोर आजमाइश की गई। कुश्ती में दिनेश कुमार तिवारी, दशरथ कुमार चाश्टा, हनुमान चाश्टा, राम-लक्ष्मण शर्मा, ओंकारलाल, उमाशंकर भगवती गौतम, देशराज शर्मा, कैलाश शर्मा ने में भाग लिया। कुश्ती के बाद सहकारी गोदाम के हनुमान मंदिर पर गांव के प्रमुख लोगों ने कुश्ती में भाग लेने वालों को पुरस्कृत किया गया। मीणा समाज का जुलूस बाबा रामदेव मंदिर परिसर से शुरू हुआ। इन लोगों ने तालाब की पाल पर हडूडा आयोजित किया गया।

अब नहीं उड़ती है धुल
कोई जमाना था जब गांव के गलियारे कच्चे थे। लोग जब जुलूस के रूप हडूडा के लिए रवाना होते थे तब धुल का गुब्बार उठता था। धुल मिट्टी में लोग सने रहते थे। अब गांव में पक्के गलियारे होने से नीचे गिरते ही जख्मी हो जाते हैं। अब हडूडा स्थल पर अतिक्रमण होने से जगह कम पडऩे लग गई।

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