गोठड़ा के आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन रोणिजा, छाबड़ियों का नया गांव,मेण्डी एवं गोठड़ा केंद्र आते हैं, जिनमें करीब 25 हजार की आबादी निवास करती हैं, जिनमें केवल नर्सिंग स्टाफ ही केंद्र को संभाल रहे है। केंद्रों की साप्ताहिक, मासिक निरीक्षण की कार्रवाई भी चिकित्सक का पद रिक्त होने से प्रभावित हो रही है। वहीं चिकित्सक का पद रिक्त होने से गांवों में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए किए जाने वाले कार्य, जननी सुरक्षा योजना,मातृ शिशु स्वास्थ्य, मुख्य मंत्री निशुल्क जांच योजना सहित कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वहीं पीएचसी पर औसतन एक डिलेवरी होती है। ऐसे में गंभीर स्थिति में संभालने वाला कोई नहीं है।
केंद्र पर चिकित्सक के आभाव के चलते मौसमी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को पहले तो नर्सिंग कर्मचारी ठीक करने की कोशिश करते हैं, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर रैफर टू हिण्डोली या बूंदी किया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि हिण्डोली सीएचसी व जजावर सीएचसी के बीच में गोठड़ा का पीएचसी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 148 डी पर स्थित है। ऐसे में कई बार सड़क हादसों के घायलों को लेकर केंद्र पर लाया जाता है। जिन्हें संभालने की बजाए रैफर किया जाता है। मरीजों को चिकित्सक के नहीं होने से हिण्डोली,अलोद, दबलाना या बूंदी जाना पड़ रहा है। जानकारी अनुसार डेढ़ दशक पूर्व में केंद्र पर दो चिकित्सक सेवाएं देते थे। विभाग द्वारा एक चिकित्सक का पद स्वीकृत कर रखा है।
आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक माह से चिकित्सक का पद रिक्त चल रहा है। ऐसे ही यहां स्वीकृत एक फार्मासिस्ट एवं मेल नर्स प्रथम की करीब तीन साल कमी बनी हुई है।
डॉ.ओपी सामर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बूंदी।