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नाम बदला, उपचार की सुविधा नहीं, 25 हजार की आबादी नर्सिंग कर्मचारियों के भरोसे

राज्य सरकार ने चिकित्सा व्यवस्था में नाम बदलकर योजनाओं की वाहवाही ली जा रही है, लेकिन तमगा बदलने के बाद भी कस्बे के पीएचसी में एक माह से चिकित्सक का पद रिक्त चल रहा है

बूंदीMar 27, 2025 / 08:04 pm

पंकज जोशी

नाम बदला, उपचार की सुविधा नहीं, 25 हजार की आबादी नर्सिंग कर्मचारियों के भरोसे

गोठड़ा. कस्बें में स्थित राजकीय आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र।

गोठड़ा. राज्य सरकार ने चिकित्सा व्यवस्था में नाम बदलकर योजनाओं की वाहवाही ली जा रही है, लेकिन तमगा बदलने के बाद भी कस्बे के पीएचसी में एक माह से चिकित्सक का पद रिक्त चल रहा है, जिससे पीएचसी केंद्र क्षेत्र की 25 हजार आबादी केवल नर्सिंग कर्मचारियों के भरोसे है।
जानकारी अनुसार गोठड़ा कस्बे में आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है, जिसे राज्य सरकार द्वारा हाल ही में तमगा बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर आरोग्यं परम धनम कर दिया गया है। पीएचसी में कार्यरत एक मात्र चिकित्सक खेमचंद स्वामी एक माह से पीजी करने निकल गए। तब से ही केंद्र की व्यवस्थाओं को नर्सिंग कर्मचारियों को संभालना पड़ रहा है। वहीं केंद्र के अधीन चार उप केंद्र की आबादी करीब 25 हजार है, जिन्हें परामर्श देने का कार्य नर्सिंग कर्मचारी कर रहे हैं। वहीं कस्बे की आबादी करीब 10 हजार है। ऐसे में केंद्र पर चिकित्सक नहीं मिलने से उन्हें बैरंग लौटना पड़ता है। केंद्र पर रोजाना 70-80 ओपीडी रहती है। ग्रामीण मोहन लाल राठौर ने बताया कि पीएचसी पर चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ कर्मियों के पद रिक्त हैं। ऐसे में गंभीर बीमारी के मरीजों को परामर्श देकर रैफर किया जाता है।
चार उप केंद्र नर्सिंग कर्मियों के भरोसे
गोठड़ा के आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन रोणिजा, छाबड़ियों का नया गांव,मेण्डी एवं गोठड़ा केंद्र आते हैं, जिनमें करीब 25 हजार की आबादी निवास करती हैं, जिनमें केवल नर्सिंग स्टाफ ही केंद्र को संभाल रहे है। केंद्रों की साप्ताहिक, मासिक निरीक्षण की कार्रवाई भी चिकित्सक का पद रिक्त होने से प्रभावित हो रही है। वहीं चिकित्सक का पद रिक्त होने से गांवों में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए किए जाने वाले कार्य, जननी सुरक्षा योजना,मातृ शिशु स्वास्थ्य, मुख्य मंत्री निशुल्क जांच योजना सहित कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वहीं पीएचसी पर औसतन एक डिलेवरी होती है। ऐसे में गंभीर स्थिति में संभालने वाला कोई नहीं है।
मौसमी बीमारी, ठीक नहीं तो रैफर
केंद्र पर चिकित्सक के आभाव के चलते मौसमी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को पहले तो नर्सिंग कर्मचारी ठीक करने की कोशिश करते हैं, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर रैफर टू हिण्डोली या बूंदी किया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि हिण्डोली सीएचसी व जजावर सीएचसी के बीच में गोठड़ा का पीएचसी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 148 डी पर स्थित है। ऐसे में कई बार सड़क हादसों के घायलों को लेकर केंद्र पर लाया जाता है। जिन्हें संभालने की बजाए रैफर किया जाता है। मरीजों को चिकित्सक के नहीं होने से हिण्डोली,अलोद, दबलाना या बूंदी जाना पड़ रहा है। जानकारी अनुसार डेढ़ दशक पूर्व में केंद्र पर दो चिकित्सक सेवाएं देते थे। विभाग द्वारा एक चिकित्सक का पद स्वीकृत कर रखा है।
यह पद रिक्त
आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक माह से चिकित्सक का पद रिक्त चल रहा है। ऐसे ही यहां स्वीकृत एक फार्मासिस्ट एवं मेल नर्स प्रथम की करीब तीन साल कमी बनी हुई है।
पीजी करने जाने वाले चिकित्सकों की वजह चिकित्सकों की कमी है। मार्च अंत तक पीजी कर चुके चिकित्सकों की सूची जारी होने की संभावना है।उसके बाद रिक्त पदों पर चिकित्सक लगाएं जाएंगे। अन्य व्यवस्थाओं में सुधार करेंगे।
डॉ.ओपी सामर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बूंदी।

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