ग्रामीणों ने हल्ला कर पैंथर को भगाया। घटना में बछड़े की मौत हो गई। सूचना पर वन विभाग के अधिकारी व वनकर्मी गांव में पहुंचे तथा मौके का जायजा लिया। मौके पर पैंथर के पगमार्क तथा बछड़े के गले में पैंथर के दांतों के निशान मिले। आबादी में पैंथर आने से वन विभाग सतर्क हो गया है तथा जंगल में गश्त बढ़ा दी है। गौरतलब है कि गत वर्ष भी गर्मी की शुरुआत में शाहपुरा गांव में पैंथर की गतिविधियां बढ़ गई थी, जिसके बाद वन विभाग ने यहां फोटोट्रेप कैमरे लगाकर मोनिटरिंग की थी।
भूख से भटकने को मजबूर वन्यजीव
जिले में रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व बनने के साथ ही बाघ-बघेरे भी बढ़ने लगे है, लेकिन उस अनुपात में जंगल में पर्याप्त शिकार व पेयजल स्रोत नहीं बढ़े है। टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में तो बाहर से चीतल सांभर लाकर छोड़े गए हैं, लेकिन बफर क्षेत्र पर किसी का ध्यान नहीं है। देवझर महादेव से भीमलत महादेव तक फैला करीब 350 वर्ग किलोमीटर का इलाका वन्यजीवों के लिहाज से काफी समृद्ध एवं निर्जन वन क्षेत्र है। यहां दो दर्जन से अधिक बघेरे मौजूद है जो भोजन की तलाश में भटकने को मजबूर हैं।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन कालदां की पहाड़ी तलहटी के शाहपुरा गांव में पैंथर ने एक बछड़े का शिकार किया है जिसके बाद क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। लोगों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
श्योजी लाल चौहान, वनपाल गुढ़ानाथावतान