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रजिस्टर में दर्ज होगी समस्याएं, रोडवेज बसों में थमेगा राजस्व का रिसाव

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने रोडवेज को घाटे से पाटने के लिए अब कम आय वाले परिचालकों से नियमित संवाद करना शुरू कर दिया है

बूंदीMar 27, 2025 / 06:27 pm

पंकज जोशी

रजिस्टर में दर्ज होगी समस्याएं, रोडवेज बसों में थमेगा राजस्व का रिसाव

बूंदी रोडवेज बस स्टैंड।

बूंदी. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने रोडवेज को घाटे से पाटने के लिए अब कम आय वाले परिचालकों से नियमित संवाद करना शुरू कर दिया है, ताकि उनसे कम आय के कारणों के बारे में पूछताछ की जा सके और उसको कैसे दूर किया जाए उसके बारे में बताया जा सके। साथ ही परिचालकों को उनके लक्ष्य को पूरा करने के बारे में बताया जा रहा है। इसके लिए बकायदा रजिस्टर संधारण किया जा रहा हैं।
निगम की मंशा है कि रोडवेज को घाटे से उबारा जाए और कम प्रगति वाले परिचालकों से कम आय की समस्या के बारे में जानकारी ले सके। निगम के अधिकारियों का कहना है कि घाटे से डूब रहे रोडवेज को उबारने के लिए राजस्व रिसाव रोकने की कवायद की जा रही है। कवायद के तहत डिपो स्तर पर संवाद रजिस्टर रखा जाएगा। डिपो की बसों में लक्ष्य से कम आय देने वाले परिचालकों से नियमित रूप से संवाद किया जाएगा। डिपो के अधिकारी संवाद रजिस्टर की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे परिचालकों को लक्ष्य के अनुसार आय बढ़ाने के और यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। बूंदी डिपो में 46 परिचालक है।
परेशानी को दूर करने के होंगे प्रयास
निगम के अनुसार डिपो में अच्छी इनकम देने वाले रूट पर चलने वाले स्टॉफ को नियमित रखा जाए। साथ ही संबंधित रूट पर चलने के दौरान आने वाले परेशानियों को दूर कैसे किया जाए इसके प्रयास किए जाएंगे। यही कारण रहा कि बूंदी डिपो की आय में कम संसाधन होने के बावजूद पिछले माह की तुलना में इस वर्ष अच्छी आय प्राप्त की है। यहां डिपो में लोड फेक्टर शत प्रतिशत से ज्यादा पहुंच गया है।
ऐसे समझे रोडवेज का गणित
निगम के अनुसार माह फरवरी 2025 में 6 लाख 13 हजार किलोमीटर बसें चलनी थी, जिसके एवज में 5 लाख 13 हजार चल पाई,जो कि गत वर्ष फरवरी माह से अच्छा रहा, जिसमें 4 लाख 28 किलोमीटर रोडवेज चल सकी थी। जबकि यात्री भार शत प्रतिशत के लक्ष्य को पार करते हुए 110 फीसदी किया, जो गत वर्ष से 9 फीसदी (101 प्रतिशत) ज्यादा है। जबकि राजस्व का लक्ष्य 260.53 लाख था,जिसकी तुलना में निगम ने 239.97 लाख प्राप्त किया। जो गत वर्ष से काफी अच्छा रहा (182.28 लाख था)।
यह है संवाद रजिस्टर
रोडवेज डिपो में लबी दूरी वाली कई बस अल सुबह और कई बस रात के समय डिपो में पहुंचती है। ऐसे में रोडवेज स्टॉफ अधिकारियों के बीच संवाद नहीं हो पाता है। इसे देखते हुए डिपो स्तर पर प्लेटफार्म और वर्कशॉप में रजिस्टर संधारण किया जाता है। रजिस्टर में बस के चालक और परिचालक अपनी समस्या की जानकारी दे सके। वहीं अधिकारी भी स्टॉफ की समस्या का शीघ्र निपटारा कर सके। देखने में आया है कि संवाद के बाद भी समस्या पर कार्रवाई नहीं करने पर उच्चाधिकारी एक्शन लेते हैं।
निगम ने डिपो में संवाद रजिस्टर के जरिए कम आय देने वाले परिचालक और चालक से नियमित एंट्री करवाई जा रही है। उनसे उनकी समस्या के बारे में पूछकर रजिस्टर में दर्ज समस्याओं का निस्तारण करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इससे कम आय वाले परिचालकों की मॉनिटरिंग भी होगी।
घनश्याम गौड़, मुख्य प्रबंधक,बूंदी

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