निगम के अनुसार डिपो में अच्छी इनकम देने वाले रूट पर चलने वाले स्टॉफ को नियमित रखा जाए। साथ ही संबंधित रूट पर चलने के दौरान आने वाले परेशानियों को दूर कैसे किया जाए इसके प्रयास किए जाएंगे। यही कारण रहा कि बूंदी डिपो की आय में कम संसाधन होने के बावजूद पिछले माह की तुलना में इस वर्ष अच्छी आय प्राप्त की है। यहां डिपो में लोड फेक्टर शत प्रतिशत से ज्यादा पहुंच गया है।
निगम के अनुसार माह फरवरी 2025 में 6 लाख 13 हजार किलोमीटर बसें चलनी थी, जिसके एवज में 5 लाख 13 हजार चल पाई,जो कि गत वर्ष फरवरी माह से अच्छा रहा, जिसमें 4 लाख 28 किलोमीटर रोडवेज चल सकी थी। जबकि यात्री भार शत प्रतिशत के लक्ष्य को पार करते हुए 110 फीसदी किया, जो गत वर्ष से 9 फीसदी (101 प्रतिशत) ज्यादा है। जबकि राजस्व का लक्ष्य 260.53 लाख था,जिसकी तुलना में निगम ने 239.97 लाख प्राप्त किया। जो गत वर्ष से काफी अच्छा रहा (182.28 लाख था)।
रोडवेज डिपो में लबी दूरी वाली कई बस अल सुबह और कई बस रात के समय डिपो में पहुंचती है। ऐसे में रोडवेज स्टॉफ अधिकारियों के बीच संवाद नहीं हो पाता है। इसे देखते हुए डिपो स्तर पर प्लेटफार्म और वर्कशॉप में रजिस्टर संधारण किया जाता है। रजिस्टर में बस के चालक और परिचालक अपनी समस्या की जानकारी दे सके। वहीं अधिकारी भी स्टॉफ की समस्या का शीघ्र निपटारा कर सके। देखने में आया है कि संवाद के बाद भी समस्या पर कार्रवाई नहीं करने पर उच्चाधिकारी एक्शन लेते हैं।
घनश्याम गौड़, मुख्य प्रबंधक,बूंदी