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छतरपुर

कैसे हो खेल प्रतिभा का उन्नयन, जब 12 प्रशिक्षकों के भरोसे जिले के 218 स्कूल

जिले के 218 पदों पर केवल 11 प्रशिक्षक व एक क्रीडा अधिकारी ही नियुक्ति हैं। सभी केवल जिला मुख्यालय पर ही पदस्थ हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में एक भी प्रशिक्षक नहीं है।

छतरपुरNov 25, 2024 / 10:46 am

Dharmendra Singh

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केवल जिला मुख्यालय पर ही हो रही नियमित रुप से खेल गतिविधियां

छतरपुर. जिले खेल प्रशिक्षकों की भारी कमी के चलते खेत प्रतिभाएं आगे नहीं बढ़ पा रही है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र में छिपी प्रतिभाएं मंच पाने के लिए परेशान हैं। क्योंकि जिले के 218 पदों पर केवल 11 प्रशिक्षक व एक क्रीडा अधिकारी ही नियुक्ति हैं। सभी केवल जिला मुख्यालय पर ही पदस्थ हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में एक भी प्रशिक्षक नहीं है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में खेल गतिविधियां संचालित नहीं हो पा रही हैं। न ही प्रतिभाओं को हुनर निखारने का मौका मिल पा रहा है और न ही मंच।

4.81 लाख बच्चों को नहीं मिल पा रही सुविधा


जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र में हायर सेकंडरी और हाई स्कूल मिलाकर कुल 218 स्कूल हैं। हर स्कूल में एक-एक खेल प्रशिक्षक का पद है। इनमें 1 लाख 14 हजार 338 छात्र अध्ययनरत हैं। वहीं, माध्यमिक, हाई और हायर सेकंडरी मिलाकर कुल 1939 स्कूल हैं। इन सभी में वर्तमान सत्र में 4 लाख 81 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इसी प्रकार जिले में कक्षा 1 से 8वीं तक के 1721 स्कूल हैं, जिनमें 3 लाख 69 हजार बच्चे हैं। इनको पढ़ाने के लिए तो विभाग के पास पर्याप्त शिक्षक मौजूद हैं, लेकिन खेल की बारीकियां सिखाने के लिए एक जिला क्रीड़ा अधिकारी सहित सिर्फ 12 शिक्षक हैं। जो जिला मुख्यालय के स्कूलों में पदस्थ हैं। इसलिए जिले के खिलाड़ी न तो राज्य स्तर पर पहुंच पा रहे हैं और न ही प्रदेश स्तर पर अच्छे खेल का प्रदर्शन कर पा रहे हैं।

सुचारू नहीं खेल गतिविधियां


शिक्षा विभाग के नियमानुसार प्रत्येक हायर सेकंडरी और हाई स्कूल में एक-एक खेल प्रशिक्षक पदस्थ होना चाहिए। ताकि वे इन छात्रों को विभिन्न प्रकार की खेल गतिविधियों की बारीकियां सिखा सकें। लेकिन वर्तमान समय में जिलेभर में पीटीआई (फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर) और खेल प्रशिक्षक मिलाकर 12 शिक्षक पदस्थ हैं। जिससे जिले की खेल गतिविधियां सिर्फ कागजों में संचालित हो रही हैं।

स्पोट्र्स किट घोटाले भी आए सामने


सरकारी स्कूलों में स्पोर्ट किट उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा विभाग जिले के प्रत्येक हायर सेकंडरी स्कूलों को प्रतिवर्ष 25 हजार रुपए और मिडिल स्कूलों को 15 हजार रुपए के मान से राशि उपलब्ध कराता है। इस खेल सामग्री की खरीद में क्रीड़ा विभाग घपला करके इस फंड का दुरुपयोग करता है, लेकिन इस ओर कोई अधिकारी ध्यान नहीं देता। बीते वर्षो में लवकुशनगर और बकस्वाहा में किट खरीदी में घोटाले सामने भी आए थे। स्कूलों में आज भी स्पोट्र्स किट कम संख्या में उपलब्ध हैं।

इनका कहना है


जिले में 2018 के बाद खुलने वाले स्कूलों में स्थाई रूप से पीटीआई रखने के निर्देश प्रदेश शासन द्वारा जारी किए गए हैं। भर्ती नहीं हुई है। इसलिए इसके पहले से जिले में संचालित स्कूलों में खेल प्रशिक्षक नहीं हैं। शासन से पत्राचार किया गया है। साथ ही उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
आरपी प्रजापति,प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर

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