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छतरपुर

जिले में 151 गोशालाएं और 13 लाख मवेशी, लेकिन पशु चिकित्सा विभाग के पास जरूरत के आधे डॉक्टर व कर्मचारी

आवारा मवेशियों की समस्या का समाधान करने के लिए जिले में 151 गोशालाओं का निर्माण किया गया है। इनमें से 144 गोशालाओं में मवेशियों को रखा गया है। इसके साथ ही जिले में पालतू मवेशियों की संख्या 13 लाख है।

छतरपुरNov 25, 2024 / 10:42 am

Dharmendra Singh

caw shade

गोशाला में मवेशी

छतरपुर. आवारा मवेशियों की समस्या का समाधान करने के लिए जिले में 151 गोशालाओं का निर्माण किया गया है। इनमें से 144 गोशालाओं में मवेशियों को रखा गया है। इसके साथ ही जिले में पालतू मवेशियों की संख्या 13 लाख है। जिनके इलाज की जिम्मेदारी वाले पशु चिकित्सा विभाग के हालात खराब है। डॉक्टर के साथ पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी है। इसलिए एक डॉक्टर को दो से अधिक अस्पताल का प्रभार दिया गया है। जिससे डॉक्टर को तो आने-जाने में दिक्कत होती ही है साथ ही जिलेभर में मौजूद पशुओं को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। अब प्रदेश शासन ने गोशालाओं का संचालन शुरू कर दिया है। इसलिए इन डॉक्टरों को वहां जाकर ड्यूटी देनी पड़ रही है। लेकिन विभाग में डॉक्टरों व स्टाफ की कमी के चलते परेशानी हो रही है। एक अधिकारी दो-दो जगह के प्रभार के भार तले दबे हैं।

आधा है मानव संसाधन


जिले के छतरपुर, गौरिहार, नौगांव, बड़ामलहरा, बकस्वाह्म, राजनगर, बिजावर और लवकुशनगर विकासखंड के मवेशियों को समय पर इलाज देने के लिए 34 पशु अस्पताल, 50 सेवा केंद्र और 5 कृत्रिम गर्भाधान केंद्र हैं। जिनके लिए जिले में पशु विभाग द्वारा 49 डॉक्टर और 186 पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के पद स्वीकृत किए हैं लेकिन वर्तमान समय में विभाग के पास 17 डॉक्टर और 58 पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी मौजूद हैं। जिससे 32 डॉक्टरों और 128 पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों की कमी बनी हुई है। इस समस्या से निपटने विभाग ने एक डॉक्टर को दो से अधिक स्थानों का चार्ज दे रखा है। इसलिए जिले के पशुओं को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा।

8 लाख गोवंश की जिम्मेदारी


जिले के अंदर 8 लाख गोवंश के साथ भैंसे मौजूद हैं। वहीं 5 लाख बकरियां, 500 घोड़े, 700 खच्चर और 12 हजार से अधिक सूअर मौजूद हैं। महाराजपुर पशु अस्पताल में डॉ. सुरजीत पटेल पदस्थ हैं। जिनके पास लवकुशनगर पशु अस्पताल का अतिरिक्त चार्ज है। साथ ही उनके पास मनकारी, टटम और खिरवा का चार्ज है। सोमवार को वे महाराजपुर, मंगलवार को लवकुशनगर, बुधवार को महाराजपुर, गुरुवार को खिरवा, शुक्रवार को टटम और शनिवार को मनकारी पहुंचते हैं। इसी प्रकार छतरपुर में पदस्थ डॉक्टर दो से अधिक प्रभार लिए हुए हैं।

इनका कहना है


डॉक्टरों और पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों के साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी है। कमी पूरी करने बीते एक साल से प्रदेश शासन के साथ उच्च अधिकारियों से डिमांड कर रहे हैं।
डॉ. आरए सेन, उप संचालक पशु चिकित्सा छतरपुर

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