जानलेवा हादसे के बाद कलेक्टर और एसपी ने एक होम स्टे को सील करवाया। अधिकारियों ने गैरकानूनी ढंग से बने होटलों, होम स्टे, ढाबों पर बुलडोजर चलाने के निर्देश दिए थे। इसपर प्रशासन ने जेसीबी से कई अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए जिससे होम स्टे, ढाबे और होटल संचालकों में हड़कंप मच गया।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बागेश्वर धाम में इन दिनों गुरु पूर्णिमा महोत्सव चल रहा है। यहां देशभर से आए एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु एकत्रित हैं। मंगलवार को पेशी का दिन होने से लोगों की गहमागहमी ज्यादा थी। ऐसे में मंगलवार रात करीब साढ़े 3 बजे एक ढाबे की दीवार गिर गई जिसके मलबे में दबने से यूपी की 40 वर्षीय महिला सुनीता देवी की मौत हो गई थी। कई श्रद्धालु घायल भी हो गए थे जिसके बाद अवैध ढाबों, होम स्टे और होटलों की व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे थे। ऐसे में जिला प्रशासन ने अवैध निर्माण ध्वस्त करने की कार्रवाई की।
यह भी पढ़ें : शिवराज सिंह पर कांग्रेस का बड़ा आरोप, मोहन यादव सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं केंद्रीय मंत्री बताया जा रहा है कि यहां कच्चे-पक्के करीब 500 होम स्टे और ढाबे हैं। टीन शेड और बांस बल्लियों के इन ढाबों में श्रद्धालुओं के लिए न तो पर्याप्त बिजली, पानी हैं और न शौचालय हैं। यहां रुकने के प्रति व्यक्ति 50 से 200 रुपए वसूले जाते है।
छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल और एसपी अगम जैन मंगलवार को हुई घटना के बाद मौके पर निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने मानकों को नजर अंदाज करके बनाए गए होम स्टे, ढाबों और होटलों को गिराने का निर्देश दिया था, जिसके बाद देर शाम प्रशासन ने बुलडोजर चलाना शुरु कर दिया था।