कागजों पर बनी टंकियां, धरातल पर संकट
शहर में अमृत योजना के तहत कुल 14 पानी की टंकियों का निर्माण कराया गया है, जिनका उद्देश्य प्रत्येक मोहल्ले और वार्ड तक पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना था। हालांकि धरातल की सच्चाई यह है कि लाइन प्रेशर की कमी, पाइपलाइन की खराबी, ऊंचाई पर बसे मोहल्लों और अव्यवस्थित जल वितरण ने इस महत्वाकांक्षी योजना को लगभग विफल बना दिया है। शहर के कई इलाकों में सप्ताह में दो-तीन बार ही पानी की आपूर्ति हो पा रही है, वह भी महज कुछ घंटों के लिए। इन हालातों में महिलाएं, वृद्ध और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
नगर पालिका की सफाई और नया प्रस्ताव
नगर पालिका सीएमओ माधुरी शर्मा ने बताया कि योजना का पहला चरण ढाई लाख लोगों को लाभ पहुंचा सका, लेकिन कुछ क्षेत्रों में प्रेशर की समस्या और जल अपव्यय के कारण अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाए। उन्होंने कहा कि अब अमृत योजना-2 के तहत पांच नई पानी की टंकियों का निर्माण प्रस्तावित है, जिसके लिए टेंडर स्वीकृत हो चुका है और सितंबर 2025 से निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
2 करोड़ की लागत, पांच नई टंकियां बनेंगी
अमृत योजना-2 के अंतर्गत पांच स्थानों पर दो करोड़ रुपए की लागत से पानी की टंकियों का निर्माण किया जाएगा। ये टंकियां एसवीएन कॉलेज के पास, अनगढ़ टौरिया, बागराजन मुक्तिधाम, नारायणपुरा रोड और एक अन्य स्थान पर बनाई जाएंगी। सभी टंकियों की क्षमता 503 किलोलीटर रखी गई है। निर्माण के लिए आवश्यक भूमि का कलेक्टर कार्यालय द्वारा आवंटन कर दिया गया है।
तकनीकी खामियां भी बनी बड़ी बाधा
नगर पालिका के उपयंत्री गोकुल प्रसाद प्रजापति का कहना है कि अमृत योजना-1 में लंबी पाइपलाइन, खराब वॉल्व और ऊंचाई पर स्थित इलाकों के कारण जल वितरण बाधित होता है। कई बार लोगों द्वारा अनावश्यक जल अपव्यय भी जल प्रेशर पर असर डालता है। सुधार कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन व्यापक समाधान के लिए अमृत योजना-2 पर भरोसा किया जा रहा है।
इनका कहना है
अमृत योजना-2 को तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है। पांच नई टंकियों के निर्माण से उन क्षेत्रों को पानी मिलेगा जहां अभी जल संकट सबसे अधिक है। हमारा प्रयास है कि सितंबर से काम शुरू कर जल्द से जल्द सप्लाई सुचारु की जाए। माधुरी शर्मा, मुख्य नगरपालिका अधिकारी, छतरपुर