डॉक्टर्स बताते हैं कि जिन लोगों का शुगर लेवल अक्सर बढ़ा रहता है, उन्हें आंखों, किडनी, तंत्रिकाओं और हृदय से संबंधित कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को अपने ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखने की सलाह देते हैं।
एक अनुमान के अनुसार दुनियाभर में 53 करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी के शिकार हैं। छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिलों में इनकी संख्या करीब 5 लाख होने का अनुमान है। सबसे ज्यादा मरीज टाइप-2 डायबिटीज के देखे जा रहे हैं। उम्र बढऩे के साथ बीमारी समझना या युवावस्था में शुगर की समस्या को अनदेखा करना दिक्कतें बढ़ा रहा है।
डायबिटीज पीड़ितों के बढ़ते आंकड़े अब डराने लगे हैं। पिछले राष्ट्रीय असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सर्वेक्षणों में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी है। सन 2023 में डायबिटीज पीड़ितों की संख्या 5040 थी। वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 5931 हो गया। अब 2025 में इनकी संख्या 6500 पार होने की आशंका है। ये तो महज सरकारी रिकॉर्ड है। विशेषज्ञ बताते हैं कि असल आंकड़ा तो कहीं अधिक भयावह है। हर चौथे घर में मधुमेह पीड़ित मौजूद है।
विशेषज्ञों और डॉक्टर्स के अनुसार माता-पिता या भाई-बहन को टाइप-2 डायबिटीज है तो आपको भी मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा अधिक वजन या मोटापा भी इसकी वजह है। मोटापा से ग्रस्त लोगों में डायबिटीज की स्थिति हृदय रोग को भी जन्म दे रही है।
योग-व्यायाम और खेलकूद से कंट्रोल संभव
डॉक्टर्स और विशेषज्ञों बताते हैं कि शारीरिक रूप से जितना कम सक्रिय रहेंगे, डायबिटीज होने का जोखिम उतना ही अधिक होगा। शारीरिक गतिविधि जैसे नियमित रूप से योग-व्यायाम, वजन और खेलकूद से न केवल वजन को नियंत्रित रखा जा सकता है बल्कि इससे ब्लड शुगर के स्तर को भी कंट्रोल में रखा जा सकता है। बीमारियों से बचे रहने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम जरूर करना चाहिए।
छिंदवाड़ा में इस जानलेवा रोग की रोकथाम के लिए 30 वर्ष से ऊपर के सभी व्यक्तियों के ब्लड शुगर, बीपी और नॉन एल्कोहोलिक फैटी लीवर डिसीज की जांच की जा रहा है। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने पिछली टीएल बैठक में इस संबंध में अहम जानकारी दी थी। राष्ट्रव्यापी निरोगी काया अभियान के अंतर्गत 31 मार्च तक ये जांच की जाएंगी।
जिनकी पहले जांच हो चुकी है, उनकी रिस्क्रीनिंग की जाएगी। शेष की फ्रेश स्क्रीनिंग की जाएगी। सीएचओ, एएनएम और आशा कार्यकर्ता ये जांचें करेंगी जिसकी बाद में ऑनलाइन एंट्री की जाएगी। इससे भविष्य में डायबिटीज पीड़ितों की सही संख्या सामने आने की उम्मीद भी जताई जा रही है।