ऑपरेशन की शुरुआत कैसे हुई
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह ऑपरेशन 21 अप्रैल को शुरू हुआ, जब एजेंसियों को यह खबर मिली कि शीर्ष माओवादी नेता हिडमा माडवी और अन्य कमांडर इस इलाके में देखे गए हैं।
25,000 जवान और वायुसेना की मदद
इस अभियान में 25,000 से ज्यादा सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था। इन्हें भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों और ड्रोन की भी मदद मिली। एक सूत्र ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें पूरे ऑपरेशन की रणनीति तैयार की गई। गृह मंत्रालय भी लगातार संपर्क में था और 15 दिन का समय इस अभियान के लिए तय किया गया था।
सुरक्षा बलों को भी नुकसान
इस अभियान के दौरान तेलंगाना में एक आईईडी धमाके में ग्रेहाउंड्स बल के तीन जवान शहीद हो गए। दो जवान बुरी तरह घायल हुए और छह अन्य को भी चोटें आईं। अधिकारियों ने बताया कि हिडमा और कुछ बड़े माओवादी नेता इस दौरान भाग निकले। ऑपरेशन आगे चलाने की योजना थी, लेकिन इलाका माओवादियों का मजबूत गढ़ है और मौजूदा गर्म मौसम में लंबे समय तक रहना खतरे से खाली नहीं था, इसलिए फिलहाल अभियान रोक दिया गया।
महिलाएं और एक किशोर भी मारे गए
छत्तीसगढ़ पुलिस ने बताया कि मारे गए 20 माओवादियों की पहचान हो गई है, जिनमें से कई महिलाएं और एक 16 साल का किशोर भी शामिल है। पुलिस ने सभी शवों की फोटो खींचकर एक क्रमांक (नंबर) दिया ताकि पहचान में आसानी हो। सोमवार को 6-7 शव उनके परिजनों को सौंपे गए।