रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु द्वारा दिये गए 197 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए चेन्नई की बल्लेबाजी लड़खड़ा गई। चेन्नई ने मात्र 75 रन पर पांच विकेट खो दिये। लेकिन इसके बावजूद धोनी ऊपर बल्लेबाजी करने नहीं आए। इस मैच में धोनी 9वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए। तब तक चेन्नई के हाथ से मैच निकल चुका था। जिसके बाद कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनके इस निर्णय की आलोचना की है।
भारत के पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी का मानना है कि चेन्नई सुपर किंग्स के कोचिंग स्टाफ के पास इतनी हिम्मत नहीं है कि वह एमएस धोनी को बैटिंग ऑर्डर में ऊपर भेजे। मनोज तिवार ने क्रिकबज से कहा, ”ये मेरी समझ से परे हैं, कि एमएस धोनी जैसा बल्लेबाज जोकि 16 गेंद में 30 रन बनाने के बाद नाबाद रह सकता है, उसे ऊपर क्यों नहीं भेजा? आप जीतने के लिए खेल रहे हैं? उन्होंने आगे कहा, “सीएसके के कोचिंग स्टाफ में एमएस धोनी को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आने के लिए कहने की हिम्मत नहीं है। एक बार उन्होंने फैसला कर लिया, तो बस हो गया।”
आरसीबी के खिलाफ धोनी ने 16 गेंद में नाबाद 30 रन बनाए और आईपीएल के इतिहास में चेन्नई के लिए सर्वाधिक रन बनाने का सुरेश रैना का रिकॉर्ड तोड़ा। चेन्नई को इस मैच में 50 रन की करारी हार का सामना करना पड़ा। आरसीबी की चेपॉक में 17 साल बाद ये दूसरी जीत है। इससे पहले 2008 में बेंगलुरु ने चेन्नई को उसके घर में मात दी थी।