इस मैच से कोहली ने 13 साल बाद घरेलू सेटअप में वापसी की। इस अनुभवी बल्लेबाज ने दिल्ली के लिए आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच नवंबर 2012 में गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश के खिलाफ खेला था। लेकिन बीसीसीआई की नीति के अनुसार भारतीय खिलाड़ियों को जब भी संभव हो घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए, कोहली रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के लिए खेलते हैं। कोहली की भागीदारी रणजी ट्रॉफी मैच में कोहली की भागीदारी ने अरुण जेटली स्टेडियम में रिकॉर्ड संख्या में दर्शकों को आकर्षित किया। उत्तर और पश्चिम स्टैंड की बाउंड्री रोप के पास पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी घुसपैठिया अंदर न आ सके, खासकर 12वें ओवर के दौरान एक उत्सुक प्रशंसक कोहली के पैर छूने के लिए उत्तर स्टैंड से भागा।
दशकों बाद दिखें इतने दर्शक
सूत्रों ने यह भी कहा कि उन्होंने 80 के दशक में दलीप ट्रॉफी के बाद नई दिल्ली में घरेलू लाल गेंद के मैच में इतने अधिक दर्शकों को कभी नहीं देखा, जहां कपिल देव और सुनील गावस्कर क्रमशः उत्तर और पश्चिम क्षेत्रों के लिए खेले थे, जो भारतीय क्रिकेट में कोहली के आकर्षण को दर्शाता है। मैच से पहले दर्शकों की भीड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वाकई में कोहली क्रिकेट के सबसे बड़े आइकन में से एक हैं। जो स्टेडियम दर्शकों के लिए तरसते थे, आज वहां लंबी कतारें देखी गईं।
नारों से गूंज उठा मेट्रो स्टेशन
फैंस में कोहली को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। आज सुबह से दर्शक स्टेडियम में पहुंचने के लिए जहां से भी गुजर रहे हैं, वहां विराट कोहली के नारे सुनाई दे रहे हैं। दिल्ली चुनाव को देखते हुए भी फैंस ने कोहली से जोड़कर नारे लगाए। ‘हमारा नेता कैसा हो, विराट कोहली जैसा हो’, RCB…. RCB,,, कोहली.. कोहली के नारों से मेट्रों स्टेशन भी गूंज उठे।