उन्होंने कुछ महीने पहले बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के पहले टेस्ट में भारत की कप्तानी की थी, लेकिन पीठ के निचले हिस्से में समस्या के कारण उन्हें सिडनी में पांचवें टेस्ट से हटना पड़ा था। उन्होंने लंबे समय तक उपचार और रिहैब किया और इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के पहले कुछ राउंड के मैचों के बाद ही मैदान पर लौटे। बुमराह के बार-बार चोटिल होने का एक कारण यह धारणा है कि उन्हें कप्तानों द्वारा नियमित रूप से अधिक गेंदबाजी कराई जाती है, क्योंकि बुमराह तीनों प्रारूपों में खेलते हैं।
गावस्कर ने दिया कमाल का तर्क
भारत के पूर्व कप्तान गावस्कर को लगता है कि अगर बुमराह खुद टीम के कप्तान होते हैं तो गेंदबाजी कार्यभार को लेकर चिंता दूर हो सकती है। गावस्कर ने कहा, “खुद से बेहतर कौन जान सकता है कि उसका कार्यभार क्या है? अगर आप किसी और को नियुक्त करते हैं, तो वे हमेशा बुमराह से एक अतिरिक्त ओवर चाहेंगे। अगर वह आपका नंबर 1 गेंदबाज है, तो वह खुद ही जान जाएगा कि ‘हां, यह वह समय है जब मुझे ब्रेक लेना चाहिए’। मेरे हिसाब से, यह सिर्फ जसप्रीत बुमराह ही हो सकता है।” उन्होंने बुमराह के कार्यभार को लेकर सभी अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि कप्तान होने के नाते, बुमराह खुद तय कर सकते हैं कि उनके लिए कितने ओवर अच्छे हैं। गावस्कर ने कहा, “मुझे पता है कि उनके कार्यभार और इस तरह की अन्य बातों को लेकर इस तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। उन्हें यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए ताकि उन्हें पता हो कि कितने ओवर गेंदबाजी करनी है, कब उन्हें आराम देना है। यह सबसे अच्छी बात होगी।”
गावस्कर ने कहा, “उन्हें शायद कोई टेस्ट मैच मिस न करना पड़े। अगर आप उन्हें यह जिम्मेदारी देते हैं, तो उन्हें पता चल सकता है कि कब रुकना है, इससे पहले कि उनके शरीर में परेशानी होने लगे। मेरे हिसाब से, उन्हें यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। पहले टेस्ट के बाद, आठ दिन का अंतराल होता है। ठीक होने के लिए पर्याप्त समय होता है। फिर, दो बैक-टू-बैक टेस्ट मैच होते हैं। यह ठीक है। फिर एक और अंतराल होता है। अगर आप उन्हें कप्तानी देते हैं, तो वह यह जानने में सबसे अच्छे व्यक्ति होंगे कि कब गेंदबाजी करनी है।”
कप्तानी में भी गाड़े हैं झंडे
बुमराह ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के पहले टेस्ट में भारत को 295 रनों से जीत दिलाई, जो ऑस्ट्रेलिया पर रनों के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी जीत है। उन्होंने भारत के पिछले इंग्लैंड दौरे पर बर्मिंघम टेस्ट में भी भारत की कप्तानी की थी, जब रोहित उपलब्ध नहीं थे।