शनिवार को सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य संस्थानों के डॉक्टरों ने उपवास रखकर मरीजों की सेवा की और अपनी नाराजगी जाहिर की। वहीं, वकील न्यायालयीन कार्य से विरत रहे और बाइक रैली निकाली, जहां सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा। वकीलों के कार्य से विरत रहने से जिला न्यायालय परिसर खाली-खाली नजर आया। पेशियां आगे बढ़ाई गई। फैसले भी नहीं हुए। हालांकि कई पक्षकार जानकारी के अभाव में कोर्ट पहुंचे, जिन्हें बाद में वापस लौटना पड़ा। अधिवक्ता संघ के सचिव सुधीर पांडेय ने बताया कि शनिवार को राज्य अधिवक्ता परिषद की बैठक नहीं हुई है, पर संघ ने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जरूरी सौंपा है। इसमें संशोधन बिल लागू न करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि सोमवार को राज्य अधिवक्ता परिषद आगे की कार्य योजना के संबंध में निर्देश जारी करेगा। इसके आधार पर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इधर, मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. प्रहलाद पटेल ने बताया कि तीन दिन से लगातार हम विरोध दर्ज करा रहे हैं। शनिवार को सभी चिकित्सकों ने कार्यस्थल पर उपवास रखते हुए मरीजों की सेवा की है। प्रदेश सरकार हमारी मांगों को नहीं मान रही है। आगामी दिनों में प्रदेश व्यापी आव्हान पर जो निर्णय होगा। उस आधार पर मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे।