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दमोह

निकाय नहीं, एजेंसी उठाएगी डोर-टू-डोर कचरा, हर महीने चुकाने होंगे 100 रुपए

कर्मचारियों की कमी के चलते नपा ने लिया निर्णय, हालांकि जनप्रतिनिधि कर रहे विरोध दमोह. नगर पालिका प्रशासन शहर में हर घर से कचरा कलेक्शन के बदले 100 रुपए मासिक शुल्क वसूलने की तैयारी कर रहा है। इस योजना के तहत शहर के लगभग 40 हजार परिवारों से हर महीने 40 लाख और सालाना 4.8 […]

दमोहMar 04, 2025 / 01:42 am

हामिद खान

निकाय नहीं, एजेंसी उठाएगी डोर-टू-डोर कचरा,

निकाय नहीं, एजेंसी उठाएगी डोर-टू-डोर कचरा,

कर्मचारियों की कमी के चलते नपा ने लिया निर्णय, हालांकि जनप्रतिनिधि कर रहे विरोध

दमोह. नगर पालिका प्रशासन शहर में हर घर से कचरा कलेक्शन के बदले 100 रुपए मासिक शुल्क वसूलने की तैयारी कर रहा है। इस योजना के तहत शहर के लगभग 40 हजार परिवारों से हर महीने 40 लाख और सालाना 4.8 करोड़ रुपए की वसूली होगी। नपा प्रशासन इस प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने में जुटा है और कचरा प्रबंधन का कार्य निजी एजेंसी को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है।
कचरा कलेक्शन को लेकर तैयार हुए प्रस्ताव को परिषद की स्वीकृति के लिए रखा गया था, लेकिन ऐन मौके पर परिषद स्थगित हो गई और प्रोजेक्ट को स्वीकृति नहीं मिली। अगली परिषद कब बैठेगी यह भी तय नहीं है। प्रोजेक्ट को बगैर परिषद की स्वीकृति के सीधे राज्य शासन से स्वीकृति करने की प्लाङ्क्षनग भी नपा द्वारा की गई है।
निजीकरण को लेकर उठ रहे सवाल
योजना के तहत निजी एजेंसी को घर-घर से कचरा एकत्र कर ट्रेंङ्क्षचग ग्राउंड में डंप करना और नियमानुसार उसका निष्पादन करना होगा। इस पूरी प्रक्रिया पर करीब सालाना 12 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। जिसमें से 4.5 करोड़ रुपए सिर्फ कचरा कलेक्शन और परिवहन पर खर्च होंगे। सीएमओ प्रदीप शर्मा ने बताया है कि यह राशि नपा द्वारा देय नहीं की जाएगी बल्कि निजी एजेंसी को ही उक्त राशि लोगों के घरों से वसूलना होगी। इधर, कुछ पार्षदों का आरोप है कि कुछ माह पहले नपा ने आउटसोर्स सफाई कर्मचारियों को हटा दिया था, जिससे सफाई व्यवस्था प्रभावित हो गई। अब करोड़ों रुपए के इस प्रोजेक्ट को निजी एजेंसी को सौंपने की तैयारी हो रही है। इस कारण सवाल उठ रहे हैं कि क्या किसी रणनीति के तहत आउटसोर्स कर्मियों को हटाया गया, ताकि निजीकरण का रास्ता साफ किया जा सके।
जनता पर बढ़ेगा अतिरिक्त बोझ
इस निर्णय का कई जनप्रतिनिधि विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब तक कचरा कलेक्शन में इस तरह से मासिक शुल्क नहीं वसूला गया है, लेकिन अब अचानक शुल्क लगाना लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालने जैसा है। साथ ही इसकी वसूली करने वाली एजेंसी को मनमाफिक फायदा पहुंचाना है। विरोध करने वालों का कहना है कि ऐसे मामलों में पहले जनता से रायशुमारी की जानी चाहिए थी। बता दें कि फिलहाल कचरा कलेक्शन सुविधा के नाम पर नपा द्वारा करीब साढ़े चार सौ रुपए सालाना कर कर रोपित किया जाता है। जिसमें दस प्रतिशत लोग ही यह भुगतान करते हैं।
मिला जुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं
कुछ लोग इसे सफाई व्यवस्था सुधारने का अच्छा कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे अनावश्यक आर्थिक बोझ बता रहे हैं। विरोध कर रहे जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इससे नपा को भले ही राशि न खर्च करनी पड़े, लेकिन हर माह एजेंसी को 35 से 40 लाख की वसूली कराने से अत्याधिक लाभ पहुंचाना है।
शुल्क वसूली सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए आवश्यक है। निजी एजेंसी से कचरा कलेक्शन और निष्पादन का कार्य कराया जाएगा। यदि परिषद में प्रस्ताव पास नहीं होता है, तो शासन स्तर से मंजूरी दिलाई जाएगी।
प्रदीप शर्मा, सीएमओ दमोह

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