scriptतीन वार्डों के पार्षद भी मिलकर नहीं बनवा पाए एक किमी की सड़क | Even the councillors of three wards together could not get a one kilometre road built | Patrika News
दमोह

तीन वार्डों के पार्षद भी मिलकर नहीं बनवा पाए एक किमी की सड़क

चमड़ा फैक्ट्री से जटाशंकर मंदिर मार्ग का मामला-स्थानीय लोग व स्कूली छात्र परेशान ,बारिश में प्रतिदिन होते हैं सड़क हादसे दमोह. शहर में सड़कों की हालत जर्जर होती जा रही है। यही सूरते हाल कई वार्डों में भी हैं। बात करें चमड़ा फैक्ट्री से जटाशंकर मार्ग की तो यहां एक किमी लंबा मार्ग एक दशक […]

दमोहMar 04, 2025 / 01:29 am

हामिद खान

तीन वार्डों के पार्षद भी मिलकर नहीं बनवा पाए एक किमी की सड़क

तीन वार्डों के पार्षद भी मिलकर नहीं बनवा पाए एक किमी की सड़क

चमड़ा फैक्ट्री से जटाशंकर मंदिर मार्ग का मामला-स्थानीय लोग व स्कूली छात्र परेशान ,बारिश में प्रतिदिन होते हैं सड़क हादसे

दमोह. शहर में सड़कों की हालत जर्जर होती जा रही है। यही सूरते हाल कई वार्डों में भी हैं। बात करें चमड़ा फैक्ट्री से जटाशंकर मार्ग की तो यहां एक किमी लंबा मार्ग एक दशक से जर्जर हालत में पड़ा हुआ है। यह सड़क तीन वार्डों की सीमा में आती है। यानी इस सड़क को बनाने की जिम्मेदारी एक वार्ड पार्षद की नहीं बल्कि तीन-तीन पार्षदों की है, पर इन पार्षदों का जोर नहीं चल पा रहा है। यह रास्ता इसलिए भी खास है, क्योंकि इसी रास्ते से जटाशंकर मंदिर पहुंचते हैं।यह मार्ग पर आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित आदिवासी छात्रावास भी है। विद्यार्थियों को इस जर्जर सड़क के कारण काफी परेशान होना पड़ रहा है।
बता दें कि यह सड़क कई इलाकों को जोड़ती है। चमड़ा फैक्ट्री से यह मार्ग जटाशंकर होते हुए कलेक्ट्रेट और कोतवाली से शहर में, इधर, जटाशंकर से बड़ापुरा होते हुए बांदकपुर मार्ग पहुंच सकते हैं।
रोज हो रहे हादसे
इस मार्ग के किनारे रहने वाले लोगों का कहना है कि सड़क उखड़ी पड़ी हुई है। गिट्टियां सड़क पर बिखरी हैं। वाहनों के आने-जाने के दौरान यह गिट्टियां उछलकर घरों में आती है। कई लोग इससे घायल भी हुए हैं। हर रोज हादसे की आशंका भी बनी रहती है। बारिश में इस मार्ग पर पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। इस दौरान सबसे ज्यादा हादसे होते हैं।
कायाकल्प में शामिल थी
यह सड़क बजरिया ५, ६ और सिविल ६ वार्ड में आती है। सड़क तीन वार्डों के हिस्से में है। जिसके निर्माण का प्रस्ताव शहर विकास योजना में शामिल किया गया है, लेकिन टेंडर प्रक्रिया के संबंध में पार्षदों को जानकारी नहीं है। उक्त सड़क डेढ़ साल पहले कायाकल्प योजना के तहत बनाई जाना थी, लेकिन इसका निर्माण नहीं हुआ।
सीएमओ से सड़क निर्माण के संबंध में चर्चा की थी। उन्होंने इस समस्या के निराकरण कराए जाने में ज्यादा रूचि नहीं ली है। सिर्फ दिखवाने की बात कही है। यह सड़क एक दशक से जर्जर हालत में है। सड़क निर्माण को लेकर पहले कवायद शुरू हुई थी, लेकिन उसमें क्या हुआ इस बारे में जानकारी नहीं है।
-हेमराज अहिरवार, पार्षद बजरिया वार्ड-5

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