सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संबंध में राजस्व अधिकारियों को पूरी जानकारी नहीं है। हालांकि उनका कहना है कि इस आदेश के अनुसार जिन तालाबों की जानकारी ऐप के माध्यम से दी गई है। उनका अब कोई दूसरा उपयोग नहीं किया जाएगा। उन्हें संरक्षित करने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे। अतिक्रमण होने की स्थिति में संबंधित तालाबों की जो फोटो सेटेलाइट पर भेजी गई है। उससे मिलाना होगा। इससे तालाब की जमीन खुर्दबुर्द नहीं हो पाएगी।
प्रवासी पक्षियों की पसंद है यह तालाब बताया जाता है कि पर्यावरण की दृष्टि से तालाबों का संरक्षण जरूरी है। कई प्रवासी पक्षी भी यहां पर आकर अपना डेरा डाल लेते हैं। तालाब संरक्षित न होन से प्रवासी पक्षियों की संख्या कम हो रही है। जिसे चिंता का विषय माना गया है।
कैदो की तलैया का नहीं होगा कोई दूसरा उपयोग कैदो की तलैया के पानी का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। दशकों से यह तलैया साफ नहीं कराई गई है। इसे पूरकर इस पर दीगर काम कराए जाने की बात भी चर्चाओं में थी। हालांकि यह भी संरक्षित क्षेत्र में शामिल है। लिहाजा इसका जीर्णोद्धार होगा।
हमने शासन को तालाबों के संबंध में सत्यापन संबंधी जानकारी भेज दी है। जिले के सभी तालाबों का ऐप के माध्यम से जीडी कराई है। सुरेखा यादव, एसएलआर