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700 गांवों के बीच एक दमकल, जो कभी भी नहीं पहुंचती समय पर

तेंदूखेड़ा क्षेत्र का मामला, पिछले साल आग लगने की घटना के बाद भी प्रशासन ने नहीं लिया सबक तेंदूखेड़ा. गर्मी की शुरुआत के साथ ही क्षेत्र में आग लगने की घटनाओं में इजाफा होने लगा है, लेकिन जबेरा विधानसभा क्षेत्र में दमकल व्यवस्था बेहद लचर है। यहां के 700 से अधिक गांवों की सुरक्षा के […]

दमोहFeb 18, 2025 / 02:11 am

हामिद खान

700 गांवों के बीच एक दमकल, जो कभी भी नहीं पहुंचती समय पर

700 गांवों के बीच एक दमकल, जो कभी भी नहीं पहुंचती समय पर

तेंदूखेड़ा क्षेत्र का मामला, पिछले साल आग लगने की घटना के बाद भी प्रशासन ने नहीं लिया सबक

तेंदूखेड़ा. गर्मी की शुरुआत के साथ ही क्षेत्र में आग लगने की घटनाओं में इजाफा होने लगा है, लेकिन जबेरा विधानसभा क्षेत्र में दमकल व्यवस्था बेहद लचर है। यहां के 700 से अधिक गांवों की सुरक्षा के लिए महज एक फायर ब्रिगेड वाहन मौजूद है, जो किसी भी बड़े हादसे से निपटने के लिए नाकाफी साबित हो रहा है। नगर परिषद के पास दो फायर ब्रिगेड वाहन थे, लेकिन एक पिछले पांच साल से खराब पड़ा है और प्रशासन इसकी मरम्मत तक नहीं करा पाया है।
पिछले साल कई आगजनी की घटनाओं में किसानों की फसलें और दुकानों का माल जलकर खाक हो गया था, जिससे लाखों रुपए का नुकसान हुआ। इसके बावजूद प्रशासन ने दमकल सेवाओं को मजबूत करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल गर्मी में यही हाल होता है, लेकिन अधिकारी पर्याप्त संसाधनों की कमी बताकर जिम्मेदारी से बचते रहते हैं।
नगर परिषद की लापरवाही यहीं खत्म नहीं होती।फायर ब्रिगेड के कर्मियों को न तो प्रशिक्षण दिया गया है और न ही सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। अग्निकांड के दौरान वे सिर्फ पानी फेंकने तक सीमित रह जाते हैं, जिससे आग बुझाने में देरी होती है और नुकसान बढ़ जाता है।
नगर परिषद उप यंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह ने बताया कि फायरबिग्रेड के लिए अलग से प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं हैं। वर्तमान में दो फायरबिग्रेड हैं। लेकिन रजिस्ट्रेशन में कुछ दिक्कतों के कारण वह उपयोग नहीं हो रहा है। गांव अधिक होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
गांव-गांव पहुंचने में देरी से बढ़ रहा नुकसान
तेंदूखेड़ा की फायर ब्रिगेड को कभी-कभी 50 से 80 किलोमीटर दूर तक जाकर आग पर काबू पाना पड़ता है। कई बार जब एक साथ दो जगह आग लगती है, तो संसाधनों की कमी के चलते स्थिति और बिगड़ जाती है। इसके अलावा फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों के पास न वर्दी, न हेलमेट, न ही आग से बचाव के लिए जरूरी जैकेट हैं। बिना सुरक्षा उपकरणों के ही वे अपनी जान जोखिम में डालकर आग बुझाने पहुंचते हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन जल्द से जल्द फायर ब्रिगेड के संसाधनों को बढ़ाए, कर्मचारियों को प्रशिक्षित करे और खराब पड़े वाहन को ठीक करवाए, ताकि गर्मी में होने वाली आगजनी की घटनाओं से बचा जा सके।

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