CG Rain Alert: सप्ताहभर में आंधी बारिश से 200 से अधिक पेड़ धराशायी
धमतरी शहरी क्षेत्र में दोपहर 3 बजे से बारिश का दौर शुरू हो गया। बूँदाबाँदी के बाद रुक-रुक कर तेज़ बारिश हुई। तेज बारिश से आमापारा वार्ड की सड़कें फिर डूब गईं। यहां सड़क पर करीब 3 फीट तक पानी भर गया। इसी तरह देवश्री टाकीज रोड, भगवती मैरिज ग्राउंड के पास, दानीटोला, पुराना बस स्टैंड, बाबे गैरेज लाइन, कोष्टापारा भगत चौक सहित कई वार्डों की सड़कें डूब गई। अनेक दुकान व घरों में बारिश का पानी घुस गया।
अंधड़-वज्रपात होने की संभावना
हवा,
बारिश के कारण धान फसल को भी नुकसान संभावित है। भटगांव, शंकरदाह, आमदी, पोटियाडीह, देमार क्षेत्र में धान की खड़ी फसल खेत में ही लेट गई। खेतों से पानी निकालने के बाद किसान फिर से उपज बचाने के लिए संघर्ष करेंगे। रबी में इस वर्ष 2200 हजार हेक्टेयर में धान की फसल ली गई है। अब तक 25 से 30 फीसदी धान की ही कटाई हो पाई है। उपज तैयार होने के ऐन मौके पर हुई बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ एचपी चंद्रा ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ व एक चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण के रूप में ईरान के ऊपर 3.1वर्ग पर स्थित है। एक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका मध्यप्रदेश से उत्तर छत्तीसगढ़ तक 0.9 किमी वेगास तक जाना जाता है। एक उत्तर-दक्षिण द्रोणिका दक्षिण तेलंगाना से मन्नार की खाड़ी तक 0.9 किमी वेगास तक जाना जाता है। प्रदेश में 9 मई से 1-2 स्थानों पर जंगली घास होने, गेराज-चमक के साथ चिंता का अनुमान है। वहीं 1-2 स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात होने की संभावना है।
धान की खड़ी फसल खेतों में लेटी
पिछले सप्ताह भर से रोज शाम को
मौसम बदल जा रहा है। पिछले 7 दिनों में जिले भर में 200 से अधिक पेड़ तेज तूफान के बने धराशायी हो गए। गुरूवार को भी रूद्री रोड किनारे, आकाश गंगा कालोनी व आसपास कई पेड़ तेज हवा से गिर गए थे। पेड़ गिरने, तार टूटने के कारण बिजली आपूर्ति भी प्रभावित रही। कहीं-कहीं ट्रांसफार्मर उड़ने की भी सूचना मिल रही थी। आंधी-तूफान और बारिश का बिजली विभाग पर सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान भी बिजली विभाग को हुआ है।