फाल्गुन मास का महत्व
फाल्गुन मास साल का आखिरी महीना होता है। इस महीने में कई धार्मिक त्योहार और उत्सव मनाए जाते हैं। इस मास में मां लक्ष्मी, भगवान शिव, श्रीकृष्ण और चंद्रदेव की पूजा की जाती है। इसलिए यह महीना भक्ति, साधना और पुण्य कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
कब से शुरु हो रहा फाल्गुन मास
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की इस वर्ष 13 फरवरी 2025 गुरुवार से शुरुआत होगी। वहीं अगले दिन 14 मार्च 2025 शुक्रवार तक रहेगा। यह महीना विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। फाल्गुन मास को समाप्त होने के बाद हिंदी नव वर्ष की शुरुआत होती है। होली पर्व
फाल्गुन मास का सबसे बड़ा पर्व
होली होता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की रात को किया जाता है, जिसके अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है।
महाशिवरात्रि
इस महीने का एक और प्रमुख त्योहार
महाशिवरात्रि है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और व्रत रखने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
फाल्गुन पूर्णिमा
फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन गंगा स्नान, हवन और पितरों के निमित्त तर्पण करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
फाल्गुन मास में करें ये शुभ काम
इस माह में भगवान शिव का रुद्राभिषेक और श्रीकृष्ण के भजन-कीर्तन करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। फाल्गुन मास में अन्न, वस्त्र, गुड़, चावल और तिल का दान करने से विशेष लाभ मिलता है। इसके साथ ही यह महीना साधना और संयम के लिए बहुत शुभ होता है। इसलिए सात्विक भोजन और ध्यान करना लाभकारी होता है। रंगों का यह त्योहार प्रेम और सौहार्द बढ़ाने का संदेश देता है, इसलिए इसे हर्षोल्लास से मनाना चाहिए। फाल्गुन मास आध्यात्मिकता, धार्मिक अनुष्ठानों और उत्सवों से परिपूर्ण होता है। इस माह में भक्तिभाव से पूजा-पाठ और दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह महीना नई ऊर्जा और सकारात्मकता से भरपूर होता है, जो जीवन में खुशहाली लाने का संदेश देता है।
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