पिछले साल की घटना
यह वाकया पिछले साल जुलाई 2024 का है। राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का सपना देखने वाली सेरिस लंकाशायर में स्थानीय महिला टीम के लिए खेल रही थीं। उन्होंने कहा कि मैच शुरू होने के बाद मैंने एक खिलाड़ी को देखा, जो पुरुष की तरह लग रही थी। मैं उसके पास गई और पूछा कि क्या तुम पुरुष हो। यह लड़कियों का मैच था और मुझे लगा कि शायद विपक्षी टीम महिला और पुरुष की मिक्स्ड टीम के साथ खेल रही है।
रेफरी से की थी शिकायत
सेरिस ने कहा कि मुझे अपनी सुरक्षा की भी चिंता थी। मैंने इस बारे में मैच रेफरी से भी बात की थी, जिन्होंने बताया कि वो उस खिलाड़ी के बारे में नहीं जानते। इसके बाद विपक्षी टीम की कप्तान ने हमें बताया कि वो ट्रांसजेंडर है और मुझे उससे यह सवाल नहीं पूछना चाहिए था।
एफए को मुझसे माफी मांगनी चाहिए
सेरिस ने कहा मेरे खिलाफ शिकायत कर दी गई और उसके बाद चली लंबी सुनवाई के बाद मुझे आरोपी ठहरा दिया गया। इस दौरान मैं डिप्रेशन में चली गई और मुझे काफी मुश्किलों से जूझना पड़ा। मैं अपनी पढ़ाई और अपने खेल पर सही तरीके से फोकस नहीं कर सकी। मैं चाहती हूं कि एफए को गलत सुनवाई के लिए मुझसे मांफी मांगनी चाहिए।
अब ट्रांसजेंडर के खेलने पर लगा प्रतिबंध
कई सालों से एफए ने पुरुष से महिला बनीं ट्रांसजेंडर प्लेयर्स को महिलाओं के मैचों में खेलने की अनुमति दी है, बशर्ते कि उनका टेस्टोस्टेरोन स्तर कम हो। लेकिन इस महीने की शुरुआत में ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि महिला की कानूनी परिभाषा जैविक लिंग पर आधारित है। ऐसे में एफए ने घोषणा की है कि वो एक जून से ट्रांसजेंडर प्लेयर्स के खेलने पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है।