जिलाधिकारी के निरीक्षण में हुआ तब खुलासा
आपको बता दें कि गाजीपुर जनपद के जेल में अपराधियों की बात पैसे ले कर करवाई जाती थी।
इसका खुलासा तब हुआ जब जेल में बंद विकास गुप्ता ने अपने मुकदमे गवाह को फोन द्वारा धमकी दी। गवाह की शिकायत पर डीआईजी जेल ने जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि जेल अधीक्षक और जेलर का करीबी पवन सिंह कार्डलेस फोन ले कर बैरकों में घूमा करता था,और पैसे ले कर अपराधियों की बात जेल के बाहर करवाता था। विनोद गुप्ता, जो बिहार में सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी का आरोपी है, ने जेल से फोन कर पीड़ितों को धमकाया और गवाही न देने के लिए पैसे की पेशकश की। इस घटना के बाद सख्त कदम उठाए गए। 16 बंदियों और कैदियों को वाराणसी, आजमगढ़ और जौनपुर की जेलों में स्थानांतरित कर दिया गया।
अब इस जेल की व्यवस्था को वीरेंद्र कुमार किस तरह सुधार पाते हैं ये देखने की बात होगी।