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बता दें कि नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने 5 जनवरी 2024 को 88.400 किमी लंबे सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण व वर्तमान 121 किमी लंबे फोरलेन हाइवे की मरम्मत का टेंडर जारी किया था, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में तकनीकी खामियों को दूर करने संशोधन करने सहित अन्य मामलों को लेकर अब तक लगभग 20 बार टेंडर की डेट को बढ़ाया जा चुका था।
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बीते वर्ष 5 जनवरी 2024 को एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए टेंडर जारी किए गए थे। इसके बाद जब मामला भू-अर्जन में पहुंचा तो वहां पर मामला उलझ गया, जिसका निराकरण नहीं होने की वजह से टेंडर खोलने की डेट में संशोधन के साथ ही तकनीकी खामियों को भी दूर करने के लिए भी कई बार संशोधन किए गए थे। बाद में 25 फरवरी 2025 को टेंडर खोलकर तकनीकी मूल्यांकन कार्य शुरू कर दिया गया है। इस टेंडर प्रक्रिया में देशभर की दस बड़ी कंपनियों ने भागीदारी की है। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की बनने की शुरुआत अक्टूबर 2025 में ही हो पाएगी और कार्य लेने वाली कंपनी को ढाई साल यानी 30 महीने में ही कार्य करके देना होगा।
31 पुल, छह फ्लाइओवर व एक रेल ओवरब्रिज
ग्वालियर-आगरा सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस(Gwalior Agra Six Lane Greenfield Expressway) वे की लंबाई 88.400 किमी रखी गई है। इसमें आठ बड़े पुल बनाए जाएंगे और 23 छोटे-छोटे पुल तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही छह फ्लाइओवर और एक रेल ओवरब्रिज भी बनाया जाएगा। यह कार्य कंपनी को 30 माह यानी ढाई साल में करके देना होगा।
इन राज्यों में हो चुका भूमि अधिग्रहण, राशि देना बाकी
एनएचएआइ(NHAI)के अफसरों के अनुसार ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के लिए मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक गांवों में भूमि अधिग्रहण होना था। इसमें मध्यप्रदेश के मुरैना व ग्वालियर का सुसेरा गांव की भूमि, राजस्थान के धौलपुर और उत्तरप्रदेश के आगरा की भूमि शामिल हैं। हालांकि भूमि अधिग्रहण का कार्य लगभग 98 प्रतिशत हो चुका है, लेकिन पैसे देना अभी बाकी है।
टेंडर में दस कंपनियां शामिल, 6 माह में संसाधन जुटाने होंगे
टेंडर में दिलीप बिल्डकॉन, अप्सरा इंफ्रास्ट्रक्चर, जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, अडानी इंटरप्राइजेज, आइआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर, वेलस्पान इंटरप्राइजेज, डीआर अग्रवाल इंफ्राकान, पीएनसी इंफ्राटेक, गावर इंफ्रा और एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों ने बिड डाली है। ऐसे में अब इनमें से किसी एक कंपनी को छह माह का समय संसाधन एकत्रित करने के लिए दिया जाएगा और उसके बाद अक्टूबर से काम की शुरुआत होगी। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के टेंडर खोले जा चुके हैं। इसी महीने में दस में से किसी एक कंपनी को कार्य दे दिया जाएगा। अक्टूबर से कार्य शुरू होने की उम्मीद है। भूमि अधिग्रहण का कार्य लगभग 98 प्रतिशत हो चुका है अब सिर्फ राशि वितरण का कार्य होना बाकी है। – प्रशांत मीणा, मैनेजर एनएचएआइ