क्या है मामला
दरअसल मुरैना के रामपुर थाने में रघुराज गुर्जर के खिलाफ मारपीट, एट्रोसिटीज एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज हुआ। 8 जुलाई 2024 को वह शौच के लिए जा रही थी। रास्ते में रघुराज गुर्जर मिला और हाथ पकड़कर अपने साथ ले गया। उसके साथ बलात्कार की घटना की घटना को अंजाम दिया। पीडि़ता रघुराज को तीन साल से जानती थी। बलात्कार के बाद उसे धमकाया कि घटना किसी को बताई तो जान से मार देगा। महिला उसकी धमकी से डर गई। 9 सितंबर 2024 को एफआईआर दर्ज कराई गई।
नजीर बनेगा यह आदेश, कानून के जर्नल में छपेगा
याद रखना चाहिए कि कानून में एफआईआर दर्ज करने का समय निश्चित नहीं है। इसलिए देरी से दर्ज की गई एफआईआर अवैध नहीं है। बेशक एफआईआर तुरंत दर्ज करना एक आदर्श स्थिति होती है। पहला तत्काल एफआईआर से बिना चूक के तुरंत जांच शुरू हो जाएगी। दूसरा झूठे गवाह गढ़ने का मौका नहीं मिलेगा। हाईकोर्ट ने इस आदेश को अप्रूव फॉर रिपोर्टिंग किया है। इस आदेश को कानून के जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा, जो इस तरह के मामलों में नजीर बनेगा।