गहलोत ने सरकार से की समायोजन की मांग
दरअसल, राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि अटल युवा प्रेरकों में राजीव गांधी युवा मित्रों को भी शामिल करे सरकार…हमारी सरकार द्वारा राज्य सरकार की योजनाओं को प्रदेश के घर-घर तक पहुंचाने के लिए राजीव गांधी युवा मित्रों को इंटर्न के तौर पर लगाया था। इन युवा मित्रों ने अच्छा काम किया और योजनाओं के बारे में आमजन जागरुक हुआ। महंगाई राहत कैंपों में भी इनकी सेवाएं सराहनीय रहीं। भाजपा सरकार ने आते ही अकारण ही इनकी सेवाएं समाप्त कर दीं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राजीव गांधी के नाम से योजना बनाई थी जिस पर आपको आपत्ति थी। अब श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर राज्य सरकार अटल प्रेरकों की भर्ती कर रही है जिनका काम भी योजनाओं के प्रचार-प्रसार का रहेगा। हमें इस पर कोई ऐतराज नहीं है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इन युवा मित्रों को राहत देते हुए इस प्रेरक भर्ती में इन युवा मित्रों को समायोजित करना चाहिए जिससे बेरोजगारी के इस भीषण दौर में इन युवाओं को राहत मिल सके।
क्या है अटल युवा प्रेरक योजना?
बताते चलें कि भाजपा सरकार ने ‘अटल सेवा प्रेरक भर्ती 2025’ के तहत 11,000 अटल प्रेरकों की नियुक्ति की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यह योजना युवाओं को रोजगार देने और पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के उद्देश्य से शुरू की है।
इसके अंतर्गत पंचायत स्तर पर अटल सेवा केंद्र और ई-लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और अन्य सुविधाओं के लिए युवाओं को संसाधन मिलेंगे। बता दें, सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में अटल प्रेरकों की भूमिका अहम होगी।
क्यों हटाए गए थे राजीव गांधी युवा मित्र?
गौरतलब है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने राजीव गांधी युवा मित्र योजना के तहत 5,000 युवाओं को सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए इंटर्न के रूप में जोड़ा था। लेकिन भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद 31 दिसंबर 2023 को इस योजना को बंद कर दिया गया, जिससे हजारों युवा बेरोजगार हो गए।