राजस्थान पुलिस मुख्यालय की सिविल राइट्स एवं एएचटी (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) शाखा द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का नेतृत्व महानिदेशक पुलिस (सिविल राइट्स) मालिनी अग्रवाल कर रही हैं। उन्होंने जानकारी दी कि यह आयोजन गृह मंत्रालय के महिला सुरक्षा डिवीजन द्वारा 11 मार्च 2024 और 16 जून 2025 को जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन में किया जा रहा है। इन पत्रों में मानव तस्करी के बदलते स्वरूप, उससे निपटने के उपायों और पीड़ितों के पुनर्वास को लेकर विस्तार से मार्गदर्शन दिया गया था।
सम्मेलन के दौरान राज्य भर से आए पुलिस अधिकारी, विशेषज्ञ और संबंधित हितधारक विभिन्न पहलुओं पर विचार साझा करेंगे। तस्करी के उभरते नए तरीकों, पीड़ितों की पहचान और उन्हें सुरक्षा देने के उपायों, पुनर्वास की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने तथा अपराधियों पर कठोर कानूनी कार्यवाही को सुनिश्चित करने पर गहन चर्चा की जाएगी।
यह सम्मेलन सभी संबंधित पक्षों को एक साझा मंच प्रदान करेगा जहां वे अपने अनुभव, चुनौतिया और समाधान साझा कर सकेंगे। इस पहल से मानव तस्करी के विरुद्ध एक सशक्त और एकजुट प्रयास की उम्मीद की जा रही है, जिससे न केवल अपराध पर अंकुश लगेगा, बल्कि पीड़ितों को भी शीघ्र न्याय मिल सकेगा।
राज्य सरकार और पुलिस विभाग की यह पहल न केवल अपराध नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, बल्कि मानव अधिकारों की रक्षा और समाज में सुरक्षा का भाव सुदृढ़ करने की दिशा में एक सशक्त कदम भी साबित होगी।